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कानपुर पुस्तक मेले में उमड़ी भारी भीड़, अमिताभ बाजपेयी ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता

कानपुर। राजकीय इंटर कॉलेज, चुन्नीगंज में आयोजित कानपुर पुस्तक मेला-2025 के चौथे दिन साहित्य, संगीत और संवाद के जीवंत संगम ने शहर का सांस्कृतिक तापमान और ऊँचा कर दिया। रविवार को मेले में पाठकों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पुस्तक स्टॉलों और कार्यक्रम स्थलों पर खासा उत्साह देखने को मिला। मेले में मुफ्त प्रवेश और पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट ने भी पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित किया।

रविवार की विशेष आकर्षण रहा वरिष्ठ फिल्म समीक्षक और लेखक श्रीधर अग्निहोत्री की चर्चित पुस्तक ‘अनसुने सितारे’ पर हुई साहित्यिक परिचर्चा। इसके अलावा डॉ मनीष शुक्ल की पुस्तक मैं स्वयंसेवक की भी चर्चा हुई। इस परिचर्चा ने न केवल युवा पाठकों को प्रेरित किया, बल्कि वरिष्ठ साहित्यकारों और मीडिया जगत का भी खास ध्यान आकर्षित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय विधायक अमिताभ बाजपेयी ने की। परिचर्चा में प्रख्यात पत्रकार डॉ. मनीष शुक्ल, साहित्यकार डा. सिधांशु राय, वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद शुक्ला, एवं साहित्यकार डा. दिवाकर मिश्रा ने भाग लिया।

वक्ताओं ने श्रीधर अग्निहोत्री की पुस्तक ‘अनसुने सितारे’ को भारतीय सिनेमा के अप्रकाशित पहलुओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया और उनकी शोधपरक लेखन शैली की सराहना की। शिल्पायन बुक्स के संस्थापक उमेश शर्मा ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

दलित एवं बौद्ध साहित्य स्टॉल पर बढ़ी हलचल

सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर ‘मैं बौद्ध नगरी मथुरा हूँ’, ‘दलित दमन उत्पीड़न कब तक’ तथा कई आदिवासी पत्र-पत्रिकाएँ विशेष चर्चा में रहीं। येलो पेजेस कानपुर के आशीष वर्मा और शिल्पायन प्रकाशन के उमेश शर्मा के स्टाल में धूम दिखी।

संविधान प्रचार समिति के स्टॉल पर ‘धर्म का विज्ञान और विज्ञान का धर्म’ और ‘बुद्ध की वाणी पाल कैरस की जुबानी’ जैसी वैचारिक पुस्तकों की मांग बढ़ी। सांस्कृतिक संध्या — ‘दमा दम मस्त कलंदर’ की सूफियाना गूंजशाम 2:30 बजे आयोजित सूफी और रोमांटिक गीतों की विशेष संध्या ‘दमा दम मस्त कलंदर’ में शालिनी स्कूल एंड कल्चरल सोसायटी के कलाकार — आकाश शर्मा, विश्वनाथ, आकांक्षा और अनुष्का — ने सूफी, रोमांटिक और लाइव फ्यूजन संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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