अयोध्या में विस्फोट करना चाहते थे आतंकी, स्लीपर मॉड्यूल कर रखा था एक्टिवेट, वाराणसी भी निशाने पर थी

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है। जांच में गिरफ्तार आतंकियों से कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के मॉड्यूल का मकसद केवल दिल्ली में हमला करना नहीं था, बल्कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों अयोध्या और वाराणसी को भी निशाना बनाना था।
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी शाहीन ने अयोध्या में स्लीपर मॉड्यूल को सक्रिय कर रखा था और वहां विस्फोट की साजिश रची जा रही थी। हालांकि, इससे पहले ही पुलिस ने समय रहते विस्फोटक बरामद कर लिया और छापेमारी के दौरान कई संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया।
जांच एजेंसियों का मानना है कि लाल किला ब्लास्ट की योजना मूल रूप से तय नहीं थी। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि विस्फोट में टाइमर या किसी रिमोट मैकेनिज्म का इस्तेमाल नहीं हुआ था, जिससे लगता है कि यह ब्लास्ट जल्दबाजी में किया गया। पूछताछ में आतंकियों ने खुलासा किया कि उनका असली निशाना अस्पताल और भीड़-भाड़ वाले इलाके थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके।
गौरतलब है कि 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे दिल्ली के लाल किले के पास खड़ी एक कार में भीषण धमाका हुआ था। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। विस्फोट की चपेट में आसपास खड़ी कई गाड़ियां भी आ गई थीं।
इस मामले में अब तक तीन प्रमुख संदिग्धों की पहचान हुई है डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील अहमद डार और डॉ. उमर। जानकारी के अनुसार, डॉ. उमर की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि डॉ. मुजम्मिल और डॉ. अदील अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच एजेंसियां अब इस मॉड्यूल के नेटवर्क, इसके विदेशी कनेक्शन और यूपी के धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश की कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुटी हैं।







