वैष्णो देवी के दर्शन की चाह में स्कूल से भागीं 7वीं की तीन छात्राएं, लखनऊ से सकुशल बरामद

लखनऊ। कानपुर में माता वैष्णो देवी के दर्शन की इच्छा में तीन नाबालिग सहेलियां घर से निकल पड़ीं, जिससे परिजनों में हड़कंप और पुलिस में अफरा-तफरी मच गई। जूही इलाके के सूर्य नारायण स्कूल में पढ़ने वाली ये छात्राएं कई दिनों से जम्मू-कश्मीर घूमने की योजना बना रही थीं। गुरुवार सुबह स्कूल जाने के बहाने निकलीं, लेकिन सीधे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचीं और वहां से गोरखपुर-पुणे एक्सप्रेस में सवार होकर लखनऊ रवाना हो गईं।
जानकारी के अनुसार, बारादेवी लौधौरा निवासी सीमा सिंह की 12 वर्षीय बेटी कृतिका (कक्षा छठी), उसकी सहेली इशिका गुप्ता (12, कक्षा सातवीं) और वैष्णवी सविता (13, कक्षा सातवीं) रोज की तरह यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल निकलीं, लेकिन वहां पहुंचीं ही नहीं। स्कूल से अनुपस्थिति की सूचना मिलते ही परिजनों ने खोजबीन शुरू की और किदवई नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तीनों परिवारों की माताएं थाने के बाहर रोते हुए अपनी बच्चियों की सलामती की गुहार लगाने लगीं।
डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी के निर्देश पर पुलिस और सर्विलांस टीमों को अलर्ट किया गया। सीसीटीवी फुटेज में सुबह 8:32 बजे तीनों बच्चियां कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर नजर आईं। उन्होंने स्कूल यूनिफॉर्म के ऊपर जैकेट पहन रखी थी ताकि पहचान छिपाई जा सके। वहीं से उन्होंने ट्रेन पकड़कर लखनऊ का रुख किया। दो छात्राओं ने अपने घर वालों के मोबाइल फोन भी साथ ले लिए थे।
लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर सुबह 11:15 बजे तीनों बाहर निकलीं, लेकिन जम्मू जाने वाली ट्रेन छूट जाने पर वापस स्टेशन के भीतर लौट आईं। जीआरपी की मदद से आलमबाग स्टेशन की फुटेज खंगाली गई, जहां वे अकेली दिखीं। स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि कुछ दिन पहले ये सहेलियां जम्मू घूमने और वैष्णो देवी दर्शन की चर्चा कर रही थीं, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
किदवई नगर पुलिस टीम ने देर रात लखनऊ पहुंचकर तीनों छात्राओं को सुरक्षित बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार, बच्चियां पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनके साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
डीसीपी चौधरी ने बताया कि बच्चों की यह हरकत जोखिम भरी थी, लेकिन पुलिस की तत्परता और सीसीटीवी निगरानी से समय रहते सबकुछ नियंत्रित हो गया। अपनी बेटियों को सकुशल देखकर परिजन भावुक हो उठे और बच्चियों ने भी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी। इसके बाद माहौल सामान्य हो गया।







