Main Slideराष्ट्रीय

मुंबई के आरए स्टूडियो में बंधक कांड: पुलिस ऑपरेशन में सभी 17 बच्चे सुरक्षित, आरोपी रोहित आर्य की मौत

मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को आरए स्टूडियो में घटित बंधक कांड ने पूरे शहर को दहला दिया। रोहित आर्य नाम के एक व्यक्ति ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया था। करीब तीन घंटे तक चले पुलिस और स्पेशल कमांडोज के ऑपरेशन में सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया। ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से आरोपी की मौत हो गई।

पूर्व मंत्री से बात करने की रखी थी मांग

जांच में सामने आया कि रोहित आर्य ने बच्चों को बंधक बनाने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से बात करने की मांग की थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह पूरी घटना उसके एक पुराने सरकारी भुगतान विवाद से जुड़ी थी। आरोपी ने दावा किया था कि उसे राज्य शिक्षा विभाग से किए गए काम का लगभग दो करोड़ रुपये नहीं मिला।

भुगतान और मानसिक तनाव का विवाद

रोहित आर्य पुणे का रहने वाला था और उसे 2022 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान “माझी शाला, सुंदर शाला” योजना से जुड़ा एक टेंडर मिला था। उसका आरोप था कि यह योजना उसकी बनाई एक फिल्म से प्रेरित थी, लेकिन न तो उसे इसका श्रेय मिला और न ही भुगतान। इस वजह से वह गंभीर मानसिक और आर्थिक संकट में था। रोहित ने इस मुद्दे पर कई बार शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।

दीपक केसरकर का जवाब

घटना के बाद पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि रोहित आर्य पहले “स्वच्छता मॉनिटर” नाम की योजना चला रहा था और उसने सरकारी अभियानों में भी भाग लिया था। उन्होंने बताया कि उस पर बच्चों से शुल्क लेने के आरोप लगे थे, जिनका उसने खंडन किया था। केसरकर ने कहा कि जब वे मंत्री थे, तब उन्होंने रोहित की मदद करते हुए उसे भुगतान कराया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि दो करोड़ रुपये के भुगतान का दावा गलत है और समस्या का समाधान बातचीत से किया जा सकता था, न कि हिंसा से।

बंधक बनाने से पहले पोस्ट किया था वीडियो

रोहित आर्य ने ऑडिशन के बहाने बच्चों को स्टूडियो में बुलाया था। बाद में उसने एक वीडियो जारी कर कहा, “मैं आतंकवादी नहीं हूं, न ही पैसे मांग रहा हूं। मैं सिर्फ कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं।” उसने यह भी कहा कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन उसने अपनी जान लेने की बजाय इस तरीके से ध्यान आकर्षित करने का फैसला किया।

पुलिस की तत्परता से बचीं कई जानें

रोहित ने धमकी दी थी कि उसके पास केमिकल है और वह स्टूडियो में आग लगा देगा। मुंबई पुलिस ने तुरंत इलाके को घेर लिया और बातचीत के जरिए स्थिति को संभालने की कोशिश की। जब वार्ता असफल रही, तो पुलिस ने फोर्स एंट्री कर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान हुई मुठभेड़ में गोली लगने से रोहित आर्य की मौत हो गई।मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई की पूरे देश में सराहना हो रही है, क्योंकि उनकी त्वरित रणनीति से 17 मासूम बच्चों की जान बचाई जा सकी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close