योगी सरकार का मेगा रोड नेटवर्क प्लान: 8 नए एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा पूरा उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य और “2047 का अग्रणी प्रदेश” बनाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है। इसी दिशा में राज्य के सभी जिलों को एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। सरकार ने 8 नए एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी है, जिनमें से कुछ परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो चुका है। इन एक्सप्रेसवे के जरिये न केवल प्रदेश के 30 जिले आपस में जुड़ेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच सीधा कनेक्शन भी स्थापित होगा।
चित्रकूट और बांदा लिंक एक्सप्रेसवे
योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाला चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे लगभग 120 किलोमीटर लंबा होगा। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट को वाराणसी और बांदा से जोड़ेगा और नेशनल हाईवे-135BG से कई जिलों को जोड़ेगा। इस परियोजना की डिटेल्ड रिपोर्ट मई 2025 में पेश की गई थी और जुलाई 2025 में इसे मंजूरी मिली। योजना के अनुसार एक्सप्रेसवे का निर्माण वर्ष 2026 तक पूरा किया जाएगा। हालांकि, फिलहाल भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। यह एक्सेस-कंट्रोल्ड 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा।
जालौन-बुंदेलखंड लिंक एक्सप्रेसवे
राज्य सरकार ने नेशनल हाईवे-27 पर एक और 115 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रस्तावित किया है। यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे जालौन को बुंदेलखंड लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तारित करने की योजना है। परियोजना के तहत करीब 63 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी।
विंध्य एक्सप्रेसवे
योगी सरकार की सबसे बड़ी सड़क परियोजनाओं में से एक विंध्य एक्सप्रेसवे होगी, जिसकी लंबाई लगभग 320 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली से गुजरते हुए सोनभद्र तक जाएगा। परियोजना को वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके निर्माण से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे-39 से सीधा संपर्क स्थापित होगा। विंध्य एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ की भी कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इस 6-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 23,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश का सड़क नेटवर्क देश के सबसे विकसित राजमार्ग तंत्रों में शामिल होगा, जिससे उद्योग, व्यापार और पर्यटन को नई गति मिलेगी।







