अखिलेश यादव के दीपावली बयान पर सियासी घमासान, BJP बोली- ‘हिंदू विरोधी सोच का उदाहरण’

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के दीपावली पर दिए गए बयान को लेकर सियासी बवाल मच गया है। अखिलेश ने दीपावली पर दीये और मोमबत्तियों को “फिजूलखर्च” बताते हुए लोगों को क्रिसमस से सीख लेने की सलाह दी। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे सनातन विरोधी मानसिकता करार दिया है।
दरअसल, धनतेरस (18 अक्टूबर) के मौके पर लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने अयोध्या में योगी सरकार द्वारा हर साल किए जाने वाले भव्य दीपोत्सव पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता, लेकिन भगवान राम के नाम पर एक सुझाव दूंगा। दुनिया में क्रिसमस के समय पूरे शहर महीनों तक जगमगाते रहते हैं। उन्हीं से सीख लीजिए। क्यों बार-बार दीये और मोमबत्ती पर खर्चा करना? इस सरकार को हटाइए, फिर हम लोग बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।”
अखिलेश के इस बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई। पार्टी के नेता संजय राय ने कहा, “अखिलेश यादव को दीपावली के दीयों से भी समस्या है, लेकिन क्रिसमस उन्हें अच्छा लगता है। दीयों की बिक्री से प्रजापति समाज और किसानों को रोजगार मिलता है। अब इनके हिसाब से हिंदुओं को दीपावली पर दीये नहीं जलाने चाहिए। जनता ऐसे हिंदू विरोधी व्यक्ति को जल्द ही वोट की ताकत से सबक सिखाएगी।”
उधर, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आज (19 अक्टूबर) अयोध्या में 9वां दीपोत्सव मना रही है। इस अवसर पर 56 घाटों पर 29 लाख दीये सजाए गए हैं। इस बार 26,11,101 दीयों को एक साथ जलाकर पिछला रिकॉर्ड तोड़ा जाएगा। कार्यक्रम में 33 हजार वालंटियर शामिल होंगे और 2100 वैदिक आचार्यों द्वारा सरयू तट पर महाआरती की जाएगी। दीपोत्सव में दीयों और महाआरती—दोनों के लिए नए विश्व रिकॉर्ड दर्ज होने की उम्मीद है।