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पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने 11 साल के कार्यकाल में बहन – बेटियों के लिए चलाई ये 6 महत्पूर्ण योजनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का यह 11वां साल चल रहा है। इन 11 सालों में उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई, खासकर मां-बहन और बेटियों के लिए चलाई गई कई योजनाओं से देश की करोड़ों महिलाओं को संबल मिला। देश में पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार ने बहन-बेटियों के लिए कई ऐसी लाभकारी योजनाएं लॉन्‍च की जिन्‍होंने महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। मोदी सरकार की इन योजनाओं से महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान हुई है। आइए जानते हैं उन खास योजनाओं के बारे में जिन्होंने महिलाओं के सपनों और इरादों को पंख लगा दिए हैं।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना- यह मोदी सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो कि भारत में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रही है। 2015 में शुरू की गई इस योजना के तहत बाल लिंग अनुपात में सुधार और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के प्रति सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाना और उन्हें सशक्त बनाना है।

उड़ान स्कीम- साल 2014 में ‘सीबीएसई उड़ान स्कीम’की शुरुआत हुई। इस योजना का मकसद प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में छात्राओं के कम नामांकन और स्कूली शिक्षा व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के बीच शिक्षण अंतराल को दूर करना है। इस योजना के तहत छात्राओं को देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए 11वीं और 12वीं में पढ़ाई करते समय वर्चुअल क्लासेज और स्टडी मटेरियल के माध्यम से मुफ्त ऑफ़लाइन /ऑनलाइन संसाधन दिए जाते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना- यह एक बचत योजना है जिसका उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना है। 2015 में शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य के लिए बचत को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत, 10 साल से कम उम्र की बालिकाओं के नाम पर बैंक खाते खोले जा सकते हैं। यह खाता बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। योजना में आकर्षक ब्याज दर मिलती है जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाती है।

लखपति दीदी योजना- इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को हुई थी। यह ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल है। इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को ऐसे अवसर प्रदान कर रही है, जिससे वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करके अच्छी आमदनी हासिल कर सकें।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना- 2017 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। जनवरी 2025 तक 3.81 करोड़ महिलाओं को 17,362 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान आर्थिक इस योजना के तहत, पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि 3 किश्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है। यदि दूसरी बार गर्भवती होने पर महिला बेटी को जन्म देती है, तो एकमुश्त 6000 रुपये दिए जाते हैं। यहां आपको बता दें कि यह पैसा सिर्फ बेटी के जन्म पर ही मिलता है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना- यह मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। यह खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई है। इस योजना के तहत गरीब व ग्रामीण परिवारों को मुफ्त में एलपीजी सिलेंडर और कनेक्शन दिए गए। इसका फायदा यह हुआ कि गांवों में पारंपरिक रूप से चले आ रहे चूल्हों से महिलाओं को मुक्ति मिली। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत BPL परिवारों को फ्री गैस कनेक्शन और सब्सिडी पर 12 सिलेंडर मिलते हैं। अब तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना का फायदा उठा चुके हैं।

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