हर दिन 17 करोड़ साइबर हमलों का सामना करता है एनएसई, सुरक्षा में जुटी ‘साइबर वॉरियर्स’ टीम

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर हर दिन करीब 17 करोड़ साइबर अटैक होते हैं। इन हमलों के बावजूद शेयर बाजार का संचालन बिना किसी रुकावट के जारी रखने के लिए एनएसई के पास चौबीसों घंटे काम करने वाली एक विशेष ‘साइबर वॉरियर्स’ टीम मौजूद है।
एनएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक्सचेंज को प्रतिदिन 15 से 17 करोड़ साइबर हमलों का सामना करना पड़ता है। इन हमलों से निपटने के लिए दो साइबर सिक्योरिटी सेंटरों में तकनीकी टीम लगातार सक्रिय रहती है। अधिकारी ने बताया कि “हमारी टेक टीमें और उनके एडवांस्ड सॉफ्टवेयर लगातार इन अटैक्स को रोकने और निष्क्रिय करने का काम करते हैं, जिससे वित्तीय बाजार का संचालन प्रभावित न हो।”
एनएसई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक झेलना पड़ा था, जब एक ही दिन में 40 करोड़ से अधिक हमले किए गए। यह एक डीडीओएस सिमुलेशन के रूप में डिजाइन किया गया था, हालांकि अटैकर्स, मशीनों और एडवांस्ड तकनीकों की कोशिशों के बावजूद एनएसई के सिस्टम को कोई नुकसान नहीं हुआ।
सुरक्षा के लिए एनएसई की उन्नत तैयारी
एनएसई ने अपने संचालन को सुरक्षित बनाने के लिए मजबूत आंतरिक साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार किया है। इसके तहत ईमेल, बाहरी डेटा, पेन ड्राइव और डीडीओएस हमलों से बचाव के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू हैं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगते ही ‘पॉप-अप’ या ‘अलर्ट’ तुरंत जारी किया जाता है, ताकि खतरे को समय रहते रोका जा सके।
अधिकारी ने बताया कि एनएसई अकादमी के माध्यम से “साइबर सिक्योरिटी बेसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम” भी चलाया जाता है, जिससे कर्मचारियों और ट्रेडिंग सदस्यों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जाता है।इसके अलावा, सभी ट्रेडिंग सदस्यों को नियमित रूप से साइबर सुरक्षा और साइबर-जुझारू क्षमता ऑडिट कराना अनिवार्य है, जिसके परिणाम एक्सचेंज को सौंपे जाते हैं।
डीडीओएस (डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) हमलों के बारे में अधिकारी ने बताया कि यह हमला सर्वर पर विभिन्न स्रोतों से भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजकर सिस्टम को ठप करने की कोशिश करता है। ऐसे हमले शेयर बाजार जैसे उद्योगों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं, जहां हर सेकंड का संचालन बेहद महत्वपूर्ण होता है।