स्वास्थ्य

रजोनिवृत्ति: महिलाओं के जीवन का स्वाभाविक चरण, जानें लक्षण और समाधान

आज भारत ही नहीं पूरे विश्व मेँ योग का प्रचार और प्रसार हो रहा है। आज हम बात करेंगे महिलाओं मै रजोनिवृति क्या होती है, क्या उसके लक्षण होते हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को किन चुनौतीयों का सामना करना पड़ता हैं। योग का रजोनिवृत्ति मेँ क्या योगदान है। और भी महत्वपूर्ण बातों के लिए अंकित कुमार गोयल से योग एक्सपर्ट अनुजा कुमारी का एक्सक्लुसिव इंटरव्यू…

रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है और इसके लक्षण क्या हैं?

रजोनिवृत्ति एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जो हर महिला के जीवन में एक निश्चित आयु के बाद आती है। सामान्यतः 40 से 55 वर्ष की उम्र के बीच मासिक धर्म (पीरियड्स) का स्थायी रूप से बंद हो जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है। यह महिला के प्रजनन काल (Reproductive Phase) के अंत का संकेत है। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि जीवन का स्वाभाविक चरण है।
इस अवस्था में शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, विशेषकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर घट जाता है। इसके कारण महिलाओं को शारीरिक और मानसिक बदलावों का अनुभव होने लगता है।

रजोनिवृत्ति (Menopause) के लक्षण:

 मासिक धर्म का धीरे-धीरे अनियमित होकर बंद होना और पुनः कई महीनों बाद भी वापस आ जाना, साथ ही मासिक धर्म के दौरान सामान्य से अधिक मात्रा में या लंबे समय तक रक्तस्राव होना अर्थात भारी रक्तस्राव का होना।
 गरमाहट महसूस होना (Hot Flushes)
 जरूरत से ज्यादा पसीना आना ।
 नींद न आना (Insomnia)
 त्वचा और बालों में बदलाव
 थकान और कमजोरी
 मूड में उतार-चढ़ाव, चिड़चिड़ापन
 हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा)स्मरण शक्ति और एकाग्रता में
कमी
 हृदय व रक्तचाप संबंधी समस्याएँ

रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

• रजोनिवृत्ति (Menopause) एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन इसके दौरान महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
1. शारीरिक चुनौतियाँ
• मासिक धर्म का अनियमित होकर बंद होना
• अत्यधिक पसीना व गरमी लगना (Hot flushes)
• नींद में कठिनाई, अनिद्रा
• हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस)
• हृदय और रक्तचाप संबंधी समस्याओं का बढ़ा जोखिम
• वजन बढ़ना और मेटाबॉलिज्म धीमा होना
• त्वचा व बालों में रूखापन
2. मानसिक चुनौतियाँ
• चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स
• चिंता और अवसाद की संभावना
• स्मृति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
• आत्मविश्वास में गिरावट
3. सामाजिक चुनौतियाँ
• समाज में “बुढ़ापा आने” की धारणा से जुड़ा मानसिक दबाव
• परिवार व कार्यस्थल पर गलतफहमी या उपेक्षा
• यौन जीवन में असहजता या दूरी बढ़ना
• स्वयं को कम उपयोगी या अकेला महसूस करना
4. जीवनशैली से जुड़ी चुनौतियाँ
• संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की अनदेखी
• कामकाजी महिलाओं में अतिरिक्त तनाव
• समय पर स्वास्थ्य जाँच न कराना

रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल परिवर्तन कैसे होते हैं और इसके क्या प्रभाव होते हैं?

हार्मोन परिवर्तन प्रभाव

एस्ट्रोजन (Estrogen) स्तर में कमी हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस), त्वचा में झुर्रियाँ, गरमी लगना (Hot flushes), हृदय रोग का खतरा बढ़ना
प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) स्तर में कमी मासिक धर्म अनियमित होकर बंद होना, नींद की समस्या, मूड स्विंग्स
FSH (Follicle Stimulating Hormone) स्तर में वृद्धि मासिक चक्र का बाधित होना, अंडाशय की निष्क्रियता का संकेत
LH (Luteinizing Hormone) स्तर में वृद्धि गरमी लगना, पसीना आना, हार्मोनल असंतुलन के अन्य लक्षण
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) (कम मात्रा में महिलाओं में भी होता है) हल्की कमी यौन इच्छा में कमी, ऊर्जा और मांसपेशियों की शक्ति पर असर

रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के लिए कोन सा योगाभ्यास करना चाहिए?

सर्वप्रथम ॐ उच्चारण और सूक्ष्म व्यायाम जैसे पादांगुलि नमन, गुल्फ नमन, मणिबंध नमन, Neck rotation, Wrist rotation, Knee bending (Janu naman), Ankle rotation (Gulf Chakra)।
आसन- भद्रासन, तितली आसन, मार्जारी आसन, उष्ट्रासन, तड़ासन, तिर्यक तड़ासन, कटि चक्रासन, भुजंग आसन, मकरासन।
प्राणायाम- अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, शीतली व शीतकारी प्राणायाम

रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है?

रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं को कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन, आयरन, ओमेगा 3,विटामिन B समूह, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक आवश्यकता होती है।

रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखना चाहिए?

रजोनिवृत्ति के दौरान योग, ध्यान, संतुलित जीवनशैली, सामाजिक सहयोग और सकारात्मक दृष्टिकोण मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और साथ ही पेंटिंग, बागवानी, लिखने या नए कौशल सीखने जैसी गतिविधियाँ मन को प्रसन्न रखती हैं। ओमेगा-3, विटामिन B समूह और मैग्नीशियम युक्त भोजन तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।
रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को अपने यौन स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखना चाहिए?
रजोनिवृत्ति (Menopause) के समय हार्मोनल बदलावों के कारण कई महिलाओं को यौन जीवन में असहजता का अनुभव होता है। इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से योनि में शुष्कता, खुजली, जलन, यौन इच्छा में कमी और संभोग के दौरान दर्द जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। सही देखभाल से महिलाएँ इस अवस्था में भी स्वस्थ और संतुलित यौन जीवन जी सकती हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को अपने यौन स्वास्थ्य की देखभाल के लिए खुले संवाद(अपने मन की बात अपने लोगों को खुलकर बताना), योग-आहार, चिकित्सकीय सलाह और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के लिए कैसी दिनचर्या अपनानी चाहिए?

रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल कमी और चयापचय (Metabolism) की गति धीमी होने से कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ सामने आती हैं – जैसे हड्डियों की कमजोरी, मोटापा, हृदय रोग, नींद की समस्या और मानसिक तनाव। ऐसे में सही दिनचर्या अपनाना बेहद आवश्यक है।

स्वस्थ दिनचर्या के प्रमुख सूत्र

सुबह का समय
प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति) और ध्यान से दिन की शुरुआत करें। हल्की सैर या योगासन जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, वज्रासन आदि करें।
आहार
कैल्शियम और प्रोटीन युक्त भोजन लें (दूध, दही, पनीर, दालें, सोया, हरी सब्ज़ियाँ)।
तैलीय व मसालेदार भोजन कम करें, फल और फाइबर युक्त आहार अधिक लें। पर्याप्त पानी पिएँ।
दैनिक गतिविधियाँ
घर या बाहर हल्के-फुल्के कार्य करें ताकि शारीरिक सक्रियता बनी रहे।
स्क्रीन टाइम कम करें और किताबें पढ़ें, संगीत सुनें या रुचिकर गतिविधियों में समय बिताएँ।
मानसिक स्वास्थ्य
सकारात्मक सोच विकसित करें।
परिवार और मित्रों से संवाद बनाए रखें।
अकेलेपन से बचने के लिए समूह गतिविधियों में भाग लें।
रात की दिनचर्या
समय पर भोजन और नींद लें।
सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी रखें।
हल्की सैर या शांति से बैठकर गहरी साँस लेने का अभ्यास करें। या गायत्रमंत्र का उच्चारण मानसिक रूप से करें।
नियमित स्वास्थ्य जाँच
हड्डियों की जाँच (Bone Density Test), ब्लड प्रेशर, शुगर और हार्मोनल प्रोफ़ाइल की नियमित जांच कराएँ।

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