उत्तर भारत में मॉनसून का कहर: दिल्ली-यमुना का जलस्तर खतरे के पार, कई राज्यों में अलर्ट

नई दिल्ली: मॉनसून की तेज़ रफ्तार ने उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी तबाही मचा दी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब तक लगातार बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर-पश्चिम भारत, खासकर हिमाचल, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है। कई राज्यों में स्कूल बंद हैं, जबकि गुरुग्राम जैसे शहरों में प्रशासन ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ की एडवाइजरी दी है।
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर मंगलवार सुबह 8 बजे 205.80 मीटर तक पहुंच गया। अनुमान है कि रात 8 बजे तक यह 206.41 मीटर तक जा सकता है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए 3.29 लाख क्यूसेक पानी का असर अब दिल्ली में दिखाई दे रहा है। इसके अलावा, वजीराबाद से 38,900 क्यूसेक और ओखला बैराज से 52,081 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालात को देखते हुए यमुना पर बना लोहे का पुल बंद कर दिया गया है।
दिल्ली प्रशासन ने नदी किनारे के निचले इलाकों में बसे करीब 20,000 लोगों को प्रभावित माना है, जिनमें से 15,000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत शिविरों में लोगों को भेजा जा रहा है और वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं।
गुरुग्राम-नोएडा में जाम और जलजमाव
सोमवार को हुई भारी बारिश के बाद गुरुग्राम में सड़कों पर जलजमाव और लंबा जाम देखने को मिला। प्रशासन ने मंगलवार को स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन कक्षाओं का आदेश दिया और कंपनियों को वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी है। नोएडा और दिल्ली में भी जलभराव के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
उत्तराखंड-हिमाचल में यात्राएं रोकी गईं
भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक रोक दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंदिरों, घाटों और कॉलोनियों में पानी भर गया है। पुलिस बोट के जरिए पेट्रोलिंग कर रही है और लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
पंजाब में सबसे ज्यादा असर
पंजाब में बारिश और बाढ़ ने हालात बेहद गंभीर कर दिए हैं। फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला, पठानकोट, तरनतारन, होशियारपुर, मोगा, गुरदासपुर और बरनाला सहित 9 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1312 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। लुधियाना में सड़कें तालाब बन गई हैं, जबकि गुरदासपुर में NDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।मौसम विभाग ने मंगलवार को भी गुरदासपुर, होशियारपुर, पठानकोट, कपूरथला, नवांशहर, रूपनगर, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला और संगरूर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।