उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर: 17 जिले प्रभावित, सीएम योगी ने दिए राहत-बचाव के निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने 17 जिलों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सभी प्रभावित जिलों के प्रभारी मंत्रियों को मौके पर जाकर राहत और बचाव कार्यों की कमान संभालने के निर्देश दिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि वे सक्रिय रूप से बाढ़ प्रभावित परिवारों की हर जरूरत का ध्यान रखें।
अब तक का नुकसान और राहत कार्य
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के मुताबिक प्रदेश की 37 तहसीलें और 688 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। अब तक 2,45,980 लोगों और 30,030 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ से करीब 27,061 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
राहत कार्यों के लिए 548 नाव और मोटरबोट्स तैनात की गई हैं। बुधवार को ही 1,904 खाद्यान्न पैकेट और 11,350 लंच पैकेट बांटे गए। प्रदेश में 284 बाढ़ शरणालय* बनाए गए हैं, जहां इस समय 4,440 लोग रह रहे हैं। इनके लिए 626 मेडिकल टीमें लगातार स्वास्थ्य जांच कर रही हैं। जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए अब तक 12,298 क्लोरीन टैबलेट और 4,422 ओआरएस पैकेट वितरित किए गए हैं। वहीं 996 बाढ़ चौकियां हालात पर निगरानी रख रही हैं।
बाढ़ से प्रभावित जिले
बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, कानपुर नगर, हरदोई, फर्रुखाबाद, गोंडा, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, उन्नाव, प्रयागराज और वाराणसी।
प्रयागराज में नदियां खतरे के निशान के करीब
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार शाम 4 बजे तक नैनी में यमुना नदी का स्तर 83.98 मीटर, फाफामऊ में गंगा 83.79 मीटर, छतनाग में 83.36 मीटर और बक्शी बांध पर 83.98 मीटर दर्ज किया गया।
संभावित खतरे को देखते हुए सदर क्षेत्र में पांच आश्रय स्थल पहले ही शुरू कर दिए गए हैं, जहां अब तक लगभग 1,200 लोग शरण ले चुके हैं। इनमें सदर बाजार और छोटा बघाड़ा (एनी बेसेंट स्कूल) के अलावा तीन अन्य केंद्र शामिल हैं। प्रशासन ने जल्द ही तीन और शरणालय खोलने की तैयारी की है।