भारत-फिनलैंड वार्ता: पीएम मोदी और राष्ट्रपति स्टब ने की अहम बातचीत, भारत-EU FTA पर जोर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के बीच मंगलवार को टेलीफोन पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच लंबित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर जोर दिया। साथ ही, यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने और वहां स्थिरता बहाल करने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।
यूक्रेन युद्ध पर बातचीत
राष्ट्रपति स्टब ने पीएम मोदी को हाल ही में वॉशिंगटन में यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं के बीच हुई बैठकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए न्यायपूर्ण और टिकाऊ हल जरूरी है और इस दिशा में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। स्टब ने कहा, “दक्षिण, पश्चिम और पूर्व हर जगह भारत की आवाज सुनी और सम्मानित की जाती है।पीएम मोदी ने भी दोहराया कि भारत हमेशा से शांति बहाली के प्रयासों का समर्थन करता रहा है और आगे भी हर उस पहल का साथ देगा, जो शांतिपूर्ण समाधान की ओर ले जाए।
भारत-EU रिश्ते होंगे और मजबूत
बातचीत में भारत और EU के बीच रिश्तों को गहरा करने पर भी जोर दिया गया। राष्ट्रपति स्टब ने भारत-EU मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के लिए फिनलैंड के समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा। साथ ही, उन्होंने 2026 में भारत में होने वाले AI Impact Summit की सफलता के लिए भी पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया।पीएम मोदी ने कहा, “फिनलैंड यूरोपीय संघ में भारत का अहम मित्र है। हम व्यापार, तकनीक और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करना चाहते हैं। बातचीत के दौरान मोदी ने राष्ट्रपति स्टब को भारत आने का न्योता भी दिया।
सोशल मीडिया पर भी दिखी दोस्ती
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के साथ सार्थक बातचीत हुई। फिनलैंड EU में भारत का कीमती साझेदार है। हमने व्यापार, तकनीक और पर्यावरण में सहयोग पर चर्चा की। यूक्रेन में शांति प्रयासों पर भी विचार साझा किए।राष्ट्रपति स्टब ने भी ट्वीट कर लिखा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छी बातचीत हुई। हमने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए न्यायपूर्ण और टिकाऊ हल की जरूरत पर चर्चा की। भारत इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है। साथ ही, भारत-EU सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति बनी।