अयोध्या: राम नगरी ने खोया अपना सांस्कृतिक स्तंभ, राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन

अयोध्या के पूर्व राजपरिवार के मुखिया और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन हो गया। उनके निधन से न केवल अयोध्या, बल्कि संपूर्ण प्रदेश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अयोध्या के लोग उन्हें सम्मानपूर्वक “राजा साहब” कहकर संबोधित करते थे। वे अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य भी थे और हमेशा राजनीतिक दलों से ऊपर उठकर तटस्थ भूमिका निभाते रहे। यही कारण था कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद के दौरान भी दोनों पक्षों से उन्हें समान सम्मान मिला। 1992 में विवादित ढांचा गिरने के बाद रामलला की प्रतिमा उनके घर से स्थल पर पहुंचाई गई थी।
राजा विमलेंद्र न केवल राजघराने के मुखिया थे, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के प्रमुख स्तंभ भी रहे। वे धर्म सेतु वक्फ, महाराजा इंटर कॉलेज और महाराजा पब्लिक स्कूल सहित कई संस्थाओं से जुड़े रहे। उनके पुत्र *यतीन्द्र मिश्र* प्रसिद्ध कवि, लेखक और साहित्यकार हैं और वर्तमान में प्रसार भारती के सलाहकार भी हैं।
2009 में उन्होंने बसपा के टिकट पर फैजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। परिवार पहले कांग्रेस के निकट माना जाता था, पर उन्होंने हमेशा जनसेवा और सांस्कृतिक कार्यों को प्राथमिकता दी।2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें वरिष्ठ सदस्य बनाया गया। परिवार ने राम मंदिर निर्माण हेतु भूमि, सिंहासन और छत्र तक समर्पित किए। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद राम मंदिर के रिसीवर का दायित्व भी उन्हें सौंपा गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक संदेश में लिखा कि विमलेंद्र जी का जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों को समर्पित रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अयोध्या की विरासत का प्रतीक बताते हुए श्रद्धांजलि दी। अखिलेश यादव ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की।राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन अयोध्या के लिए एक युगांतकारी क्षति है। उन्हें हमेशा एक संतुलित, सर्वमान्य और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षक के रूप में याद किया जाएगा।