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गृह मंत्री अमित शाह का विपक्ष पर हमला, 130वें संविधान संशोधन विधेयक और उपराष्ट्रपति चुनाव पर बड़ा बयान

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में 130वें संविधान संशोधन विधेयक, उपराष्ट्रपति चुनाव और विपक्ष के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रखी।

विपक्ष को घेरा

संविधान संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा,आज भी विपक्ष के कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि अगर जेल गए तो वहीं से सरकार चलाएंगे। जेल को ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आवास बना देंगे और वहीं से डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव को आदेश देंगे। यह संभव नहीं है।

उन्होंने भरोसा जताया कि कांग्रेस पार्टी के कई सांसद इस बिल का समर्थन करेंगे और यह आसानी से पास होगा। शाह ने राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा”लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह के अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। उस समय यह कदम नैतिकता के आधार पर सही था, तो अब तीन बार चुनाव हारने के बाद नैतिकता कहां चली गई? मुझे विश्वास है कि यह विधेयक पारित होगा और विपक्ष में भी कई लोग नैतिकता के साथ खड़े होंगे।

धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया

पूर्व उपराष्ट्रपति *जगदीप धनखड़* के अचानक इस्तीफे को लेकर शाह ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों से यह कदम उठाया है। “धनखड़ जी ने अपने कार्यकाल में पूरी तरह संवैधानिक मर्यादा में रहते हुए उत्कृष्ट कार्य किया। इस पर ज्यादा राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

केजरीवाल पर टिप्पणी

अमित शाह ने कहा कि जिस कानून का विपक्ष विरोध कर रहा है, अगर वह पहले से लागू होता तो केजरीवाल को जेल जाने के बाद इस्तीफा देना पड़ता। “सुप्रीम कोर्ट के कहने पर ही उन्होंने पद छोड़ा। नए कानून के लिए जेपीसी बनाई गई है, लेकिन विपक्ष उसमें शामिल नहीं होना चाहता। जनता यह सब देख रही है।”

विपक्षी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर सवाल

विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर शाह ने कहा”उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया था और आदिवासियों के आत्मरक्षा अधिकार को खत्म किया था। इसी कारण नक्सलवाद देश में दो दशक से ज्यादा समय तक बढ़ा। लगता है वामपंथी विचारधारा ही उन्हें उम्मीदवार चुनने का आधार रही है।”

संसद में CISF की तैनाती पर बयान

संसद में CISF तैनाती को लेकर शाह ने स्पष्ट किया कि मार्शल तभी सदन में प्रवेश करते हैं जब अध्यक्ष आदेश देते हैं। “यह बदलाव उस घटना के बाद किया गया जब कुछ वामपंथी युवकों ने संसद के अंदर स्प्रे किया था। विपक्ष को सिर्फ बहाने चाहिए। तीन चुनाव हारने के बाद उनकी हताशा इतनी बढ़ गई है कि विवेक खो बैठे हैं।

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