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प्रधानमंत्री मोदी का स्पेस डे पर संबोधन, कहा- भारत का होगा अपना स्पेस स्टेशन, शुभांशु शुक्ला का भी किया जिक्र

नई दिल्ली। स्पेस डे के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम ‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’ हमारे अतीत के आत्मविश्वास और भविष्य के संकल्प को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में नेशनल स्पेस डे युवाओं के लिए आकर्षण और उत्साह का एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है, जो पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर से जुड़े वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और युवाओं को बधाई देते हुए बताया कि हाल ही में भारत ने इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स की सफल मेज़बानी की। इसमें 60 से अधिक देशों के 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और भारतीय युवाओं ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।

उन्होंने कहा, “स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक नए माइलस्टोन गढ़ना भारत और हमारे वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। दो साल पहले भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना। हम स्पेस में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता हासिल करने वाले दुनिया के चौथे देश हैं। हाल ही में मेरी मुलाकात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई थी, जो गगनयान मिशन से जुड़े हैं।”

प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि वैज्ञानिकों की मेहनत से भारत जल्द ही गगनयान मिशन की उड़ान भरेगा और आने वाले समय में अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि अब तक भारत चंद्रमा और मंगल तक पहुंच चुका है, लेकिन हमारी नज़र गहरे अंतरिक्ष के उन रहस्यों पर भी है, जिन्हें सुलझाना बाकी है।

पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि लाल किले से उन्होंने “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” का मंत्र दिया था। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने स्पेस सेक्टर को कई बेड़ियों से मुक्त कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया है। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, “अगले 5 वर्षों में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में कम से कम 5 यूनिकॉर्न बना सकता है। वर्तमान में भारत हर साल 5–6 बड़े प्रक्षेपण करता है, लेकिन मैं चाहता हूं कि निजी क्षेत्र आगे आए और आने वाले 5 सालों में देश सालाना 50 रॉकेट प्रक्षेपण का लक्ष्य हासिल करे।”

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