Main Slideउत्तर प्रदेशप्रदेश

फुटवियर-लेदर नीति 2025 : निजी औद्योगिक पार्कों को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फुटवियर, लेदर और नॉन लेदर क्षेत्र विकास नीति-2025 के तहत सबसे ज़्यादा फोकस निजी औद्योगिक पार्कों पर किया है। इन पार्कों को निवेश बढ़ाने और रोज़गार सृजन के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता और टैक्स में छूट दी जाएगी। सरकार ने नीति में स्पष्ट किया है कि ऐसे पार्कों को विकसित करने वाले डेवलपर्स को 25 प्रतिशत पात्र पूंजी निवेश या अधिकतम राशि के रूप में वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह मदद पार्क के आकार के अनुसार होगी।

सरकार की मंशा, रोजगार के साथ मिले वैश्विक पहचान

इस नीति के जरिये सरकार चाहती है कि राज्य में बड़े पैमाने पर निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना हो। ऐसे पार्कों के जरिये हजारों युवाओं को रोज़गार मिलेगा। फुटवियर और लेदर सेक्टर को वैश्विक पहचान मिलेगी। यूपी निवेश का नया केंद्र बनेगा। यह नीति अधिसूचना जारी होने की तिथि से 5 साल तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत सभी नए प्रोजेक्ट, विस्तार या विविधीकरण करने वाले औद्योगिक उपक्रम वित्तीय प्रोत्साहनों के पात्र होंगे। पात्र औद्योगिक इकाइयों में कंपनी, साझेदारी, सोसाइटी, ट्रस्ट और निजी उपक्रम शामिल होंगे।

कैसा होना चाहिए निजी औद्योगिक पार्क?

न्यूनतम 25 एकड़ भूमि पर विकसित होना अनिवार्य।

प्रत्येक पार्क में कम से कम 5 औद्योगिक इकाइयां होंगी।

कोई भी इकाई 80% से अधिक भूमि का उपयोग नहीं कर सकेगी।

कुल क्षेत्रफल का 25% हिस्सा हरियाली और सामान्य अवसंरचना के लिए सुरक्षित रखना होगा।

25 एकड़ से 100 एकड़ तक के पार्कों का निर्माण 5 वर्षों में पूर्ण करना होगा।

100 एकड़ एवं इससे अधिक के पार्कों का निर्माण 6 वर्षों में पूर्ण करना होगा।

कितनी वित्तीय सहायता मिलेगी?

25 से 100 एकड़ तक के पार्क : पात्र पूंजी निवेश का 25% या अधिकतम ₹45 करोड़।

100 एकड़ से बड़े पार्क : पात्र पूंजी निवेश का 25% या अधिकतम ₹80 करोड़।

सभी पार्क विकासकर्ताओं को 100% स्टाम्प शुल्क में छूट।

किन मदों पर खर्च मान्य

वित्तीय सहायता केवल बुनियादी ढांचा विकास पर खर्च की जा सकेगी। इसमें सड़क, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज, ड्रेनेज, बाउंड्री वॉल, पावर सप्लाई, जल आपूर्ति, बैंकिंग सुविधाएं, वेयरहाउस, होटल, हॉस्पिटल, ट्रेड फेयर/डिस्प्ले सेंटर, ट्रांसपोर्ट सुविधा और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट जैसे कार्य शामिल होंगे।

किस पर नहीं मिलेगा लाभ?

भूमि की खरीद लागत।

ईंधन, वाहन, फर्नीचर, पुरानी मशीनरी।

अन्य सेवा शुल्क।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close