पूर्वी कांगो में विद्रोहियों का नरसंहार, 140 से अधिक लोगों की मौत

पूर्वी कांगो के नॉर्थ किवू प्रांत में रवांडा समर्थित विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों में कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई है। एक मानवाधिकार संगठन की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई महीने में दर्जनों गांवों और बस्तियों को निशाना बनाया गया।
मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं ने स्थानीय विशेषज्ञों और चश्मदीदों के हवाले से कहा कि विरुंगा नेशनल पार्क के पास हुए इन हमलों में 141 लोग मारे गए या लापता हो गए। इनमें अधिकांश लोग हुतु समुदाय से थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हमले ‘एम23’ नामक विद्रोही समूह ने किए, जो वर्तमान में पूर्वी कांगो में सक्रिय 100 से अधिक सशस्त्र गुटों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। एम23 समूह ‘डेमोक्रेटिक फोर्सेस फॉर द लिबरेशन ऑफ रवांडा’ (FDLR) के खिलाफ लड़ रहा है, जो मुख्य रूप से हुतु समुदाय का सशस्त्र गुट है।
रवांडा सरकार पर आरोप
मानवाधिकार संगठन की वरिष्ठ शोधकर्ता क्लेमेंटाइन डी मोंटजॉय ने कहा कि एम23 को रवांडा सरकार का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट के अनुसार, इस समूह ने जुलाई में एक दर्जन से अधिक गांवों और कृषि क्षेत्रों पर हमला किया और बड़ी संख्या में हुतु नागरिकों की हत्या की।
गौरतलब है कि 1994 के रवांडा नरसंहार के बाद करीब 20 लाख हुतु समुदाय के लोग कांगो भाग आए थे। उसी नरसंहार में लगभग आठ लाख तुत्सी, उदारवादी हुतु और अन्य अल्पसंख्यक मारे गए थे। आज तीन दशक बाद भी उस त्रासदी की परछाई इस क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता के रूप में देखी जा रही है।