वीर चक्र से सम्मानित हुए बारां के जांबाज ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन संदूर’ चलाया और पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस मिशन में राजस्थान के बारां जिले के कुंजेड गांव के बेटे और जांबाज ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की अहम भूमिका रही। उनकी वीरता और नेतृत्व के लिए भारत सरकार ने उन्हें युद्धकाल के तीसरे सबसे बड़े गैलंट्री अवॉर्ड ‘वीर चक्र’ से नवाजा। यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
ऑपरेशन संदूर में दिखाया साहस
ग्रुप कैप्टन अनिमेष ने पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। उनकी टीम ने मुरीदके और बहावलपुर में आतंकी संगठनों के मुख्यालयों के साथ-साथ पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। इस सफल ऑपरेशन ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत संदेश दिया।
2010 में भी बचाई थी सैकड़ों जानें
अनिमेष की वीरता का परिचय वर्ष 2010 में भी देखने को मिला। जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान उनके मिग-27 विमान में उड़ान के समय अचानक ब्लास्ट हो गया। उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी वाले इलाके से दूर पाली जिले के जैतपुर गांव की ओर मोड़ दिया। विमान वहीं क्रैश हुआ और बड़ी जनहानि टल गई। इस दौरान उन्होंने पैराशूट से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई थी।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
25 जनवरी 1984 को कोटा में जन्मे अनिमेष ने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट पॉल स्कूल से की। इसके बाद उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) खड़गवासला, पुणे में हुआ। वर्ष 2004 में पास आउट होने के बाद 2005 में उनकी पहली पोस्टिंग असम के छबवा एयरफोर्स बेस पर हुई। वर्तमान में वे जालंधर के पास आदमपुर एयरबेस में ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात
6-7 मई 2025 की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदमपुर एयरबेस पहुंचे और अनिमेष सहित सभी जांबाज अधिकारियों और जवानों से मुलाकात कर उनकी पीठ थपथपाई।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
अनिमेष के पिता केके पाटनी कोटा में सार्वजनिक निर्माण विभाग में इंजीनियर रहे। 2020 में उनका निधन हो गया। परिवार में उनकी मां अनिला, पत्नी वर्दनी और 13 वर्षीय बेटी वामिका हैं। उनकी दो बड़ी बहनें डॉक्टर हैं—एक हैदराबाद और दूसरी अजमेर में कार्यरत। अनिमेष परिवार के सबसे छोटे सदस्य हैं और तीज-त्योहार पर अपने पैतृक गांव कुंजेड आते-जाते रहते हैं।