स्कूल के मंच से ओटीटी तक: कबीर सोंधी का सफर

हर किसी का सपना होता है की सिनेमा मेँ काम करें । सिनेमा एक ऐसा माध्यम है, जो समाज क़ो सशक्त ही नहीं करता है बल्कि समाज क़ो सही दिशा भी देता है और उसका मनोरंजन भी करता है आज ओटीटी प्लेटफार्म आने का बाद सिनेमा व्यापक हो गया है । अभिनय यात्रा और परिवार के सहयोग क़ो लेकर न्यूज़ राइटर अंकित कुमार गोयल का एक्टर कबीर
अभिनय यात्रा की शुरुआत कैसे हुई, और परिवार का कितना सहयोग मिला?
अभिनय यात्रा की शुरुआत के बारे में अगर मैं कहूं तो बस इतना ही है कि शुरू से ही मुझे मेरे स्कूल में होने वाले कल्चरल एक्टिविटीज और प्रोग्राम्स में बहुत रुचि थी । अक्सर 15 अगस्त, 26 जनवरी, क्रिसमस पर होने वाले प्रोग्राम्स में मैं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेटा हूँ और साथ ही मेरे पिताजी श्री रचित सोंधी, जो हाई कोर्ट में अधिवक्ता है तथा वह भी एक्टिंग के क्षेत्र में काफी एक्टिव है । उनके जाननें वाले भी कई फिल्मों में काम करते हैं तो ऐसे ही एक दिन उनके किसी परिचित ने उनसे कहां कि उनको एक वेब सीरीज में काम करने के लिए 19 साल के बच्चे की जरूरत है, पहले तो पापा नें मना कर दिया कि बच्जा छोटा है और उसकी पढ़ाई भी चल रही है बाद में मेरी अभिनय के प्रति रूचि और वादा किया कि अभिनय के साथ-साथ अपनी पढ़ाई पर भी पूरा फोकस रखूँगा। इस तरह से पापा मानें। मैनें कभी पहले केमरा फैस नही किया था ना ही कोई नया एक्सपीरियंस था। मुझे पापा और पूरे परिवार का सहयोग मिला।
पहला ब्रेक कैसे मिला, कास्टिंग डायरेक्टर का कितना सहयोग मिला?
शूटिंग के पहले दिन जब मैं लोकेशन पर पहुंचा तो सभी कुछ मेरे लिए नया था। पहले तो मैंने पूरी लोकेशन को ध्यान से देखा। जब मैं वहां पहुंचा तो पहले से ही एक सीन की शूटिंग चल रही थी, तो मुझे चुपचाप बिल्कुल शांति से बैठने के लिए कहा गया। कई रीटेक बीच-बीच में होते थे। जब ब्रेक होता था तो मैं धीरे से जाकर कैमरा, लाइट वगैरा को गौर से देखा करता था, तभी एक हमारे डायरेक्टर गगन भैया ने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि आप यहां कैसे बेटा तो मैंने अपना परिचय दिया तो उन्होंने मुझसे कहा आप बैठो अभी आपका सीन जब आएगा तो आपको बताया जाएगा और स्पॉट दादा से मुझे जूस, स्नेक्स मंगवाया और एक असिस्टेंट डायरेक्टर को स्क्रिप्ट के साथ मुझे कैसे अपना शॉट्स देना है, डिटेल्स में समझाया। छोटी – छोटी बात को बहुत प्यार के साथ और आसान भाषा में समझाया। क्योंकि पहला दिन था मैं थोड़ा डरा हुआ भी था, क्योंकि मैंने कभी कैमरा फेस नहीं किया था और इतनी भीड़ इतने सारे लोगों के बीच में मुझको एक्टिंग करनी थी जो मेरे लिए बिल्कुल नया अनुभव था। लेकिन टीम ने पूरा सहयोग ही नही किया बल्कि छोटी-छोटी बातों को बहुत धेर्यता से समझा दिया। सबसे बड़ी बात ये रही जिन आर्टिस्ट के साथ मेरा पहला सीन हुआ वो आर्टिस्ट मेरे पापा के साथ भी काम कर चुके थे तो उन्होंने अपने बेटे की तरह मुझे सारी चीजों को समझाया और मुझे पूरा सपोर्ट भी किया मेरा पहला शॉट पहला सीन उन्हीं के साथ पूरा हुआ।
चाइल्ड एक्टर के रूप मेँ शूटिंग का पहला दिन कैसा रहा, कोई यादगार पल जो पाठकों को बताना चाहते हों ?
अभी मैं 5th क्लास का स्टूडेंट हूं और मेरे स्कूल में भी जब मेरे क्लास टीचर, मेरे फ्रेंड्स को यह पता चला कि मैं वेब सीरीज में काम किया हूँ तो वह लोग भी बहुत एक्साइटेड थे कि कब रिलीज हो रही है। अच्छा लगता है और कॉन्फिडेंस भी आता है लोग आपको पूछ रहे हैं, जान रहे हैं, एक आपकी अलग पहचान है। हमारे स्कूल के टीचर्स भी बहुत सपोर्ट करते है। मैं अभी तक वेब सीरीज मिट्टी एक नई पहचान जो की अमेजॉन अमेजॉन प्राइम पर आ रही है मैं काम किया हूँ साथ ही मैंने कुछ नुक्कड़ नाटक और लोकल ब्रांड के कुछ एडवरटाइजमेंट में काम किया है।
मिट्टी एक नई पहचान सीरीज़ कैसे मिली, सेट पर निर्देशक और सह कलाकार के साथ कैसा अनुभव रहा ?
मिट्टी एक नई पहचान वेब सीरीज जो की एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई है। असल में मेरे फादर भी एक्टिंग के क्षेत्र में एक्टिव है और वह भी कई फिल्मों में एडवरटाइजमेंट वगैरह में काम कर चुके हैं तो काफी कास्टिंग डायरेक्टर्स उनके परिचित है। तो उनके एक फ्रेंड कास्टिंग डायरेक्टर ने बच्चों की रिक्वायरमेंट बताई और कहा कि 9 -10 साल के बच्चे की जरूरत है। आपका बेटा भी इसी एज ग्रुप का है तो आप अगर ठीक समझे तो उसको ले आएं। उसका एक ऑडिशन बनाकर भेजिए। पहले तो मेरे पिताजी ने मना कर दिया कि अभी बहुत छोटा है ,स्कूल है और सारी बातें लेकिन फिर उन्होंने कहा अच्छा मैं घर पर बात करके बताऊंगा। मेरे बाबा दादी और मम्मी सबको बैठ के यह पूछा तो सबसे पहले तो मेरे बाबा ने कहा बिल्कुल करेगा क्यों नहीं करेगा। इस पर मेरे फादर भी राजी हो गए। और उन्होंने मेरा एक ऑडिशन बनाकर कास्टिंग डायरेक्टर को भेजा। इसके कुछ दिन बाद ही टीम से कॉल आई कि आपके बेटे कबीर को भूरा के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया गया है। साथ ही शेड्यूल, डेट्स शेयर कर ली कि अगर आप इसमें फ्री है तो आप कंफर्म कर दीजिए। जब मैं सेट पर पहुंचा तो वहां पर डायरेक्टर सर और बाकी सारे जो सीनियर आर्टिस्ट थे। क्योंकि मैं बहुत छोटा था। इसलिए सभी बड़ों ने बहुत प्यार से और दुलार से मुझसे बात की और एक-एक चीजों को डायरेक्टर सर ने भी और सीनियर आर्टिस्ट जो थे सभी ने मुझे छोटी-छोटी चीजों को बताकर शॉट्स कंप्लीट कराया। जिसमें मुझे बहुत मजा आया यहां पर एक बात और मैं शेयर करना चाहता हूं कि मेरा पहला शॉट जिन अंकल के साथ था मेरे फादर भी उनके साथ पहले काम कर चुके थे जिस वजह से उन्होंने भी पहले मुझे बैठकर सारी बातें समझाई और कई चीज सिखाई भी उसके बाद मेरा पहला शॉट हुआ ।
एमएक्स प्लेयर पर एक सीरीज़, मिट्टी एक नई पहचान मेँ अपने किरदार के बारे मेँ बतायें ?
मिट्टी एक नई पहचान में मेरा किरदार असल में यह गांव की एक स्टोरी है उसमें गांव के दो बच्चे हैं एक बबलू और एक भूरा मेरा करैक्टर भूरा का है, यह दोनों गांव के बहुत शैतान बच्चे हैं । इनका सिर्फ काम दिनभर इधर की उधर करना है। चलता फिरता व्हाट्सएप है। गांव का कब कौन कहां क्या कर रहा है, क्या गड़बड़ झाला हो रहा है, हर चीज की खबर इनको है। इनका काम दिनभर शैतानी करना है। लोगों को डिस्टर्ब और परेशान करना है। अपनी मस्ती में रहना है, कुल मिलाकर गांव के बहुत ही शैतान बच्चे हैं, लगभग पूरा गांव ही उनसे बहुत परेशान है।यह वेब सीरीज MX Player पर फ्री में देख सकते है। &इश्वाक सिंह* नें मुख्य भूमिका निभायी है। कहानी अपने गांव लौटने और अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने के इर्द- गिर्द घूमती नजर आती है।