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यूपी में मंत्रियों और विधायकों की सैलरी व भत्तों में बढ़ोतरी, 1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने गुरुवार को ‘उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्य एवं सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025’ को मंजूरी दे दी। इसके तहत मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्तों में 40% तक की बढ़ोतरी की गई है। नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी।

मंत्रियों और विधायकों का वेतन

मंत्रियों का वेतन ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 प्रति माह किया गया।विधायकों का वेतन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹35,000 प्रति माह किया गया।कुल मिलाकर, मंत्रियों को अब लगभग ₹78,000 और विधायकों को लगभग ₹68,000 प्रति माह अतिरिक्त मिलेगा।

भत्तों में बदलाव

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 प्रति माह। चिकित्सीय भत्ता (MLAs): ₹30,000 से बढ़ाकर ₹45,000 प्रति माह।रेलवे कूपन: सालाना ₹4.25 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख।टेलीफोन भत्ता: ₹6,000 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति माह। सचिव भत्ता: ₹30,000 प्रति माह।नई कुल सैलरीविधायक: ₹2.01 लाख से बढ़कर ₹2.66 लाख प्रति माह।मंत्री: ₹2.11 लाख से बढ़कर ₹2.76 लाख प्रति माह।

बैठक भत्ता

सदन और समिति बैठकों में उपस्थित रहने पर: ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति दिन।सत्र न होने पर सार्वजनिक सेवा के लिए: ₹1,500 से बढ़ाकर ₹2,000 प्रति दिन।पूर्व विधायकों की पेंशनन्यूनतम पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹35,000 प्रति माह की गई।

सरकार पर अतिरिक्त बोझ

वेतन और पेंशन में वृद्धि से राज्य सरकार पर सालाना ₹105.23 करोड़ का अतिरिक्त खर्च आएगा। सरकार का कहना है कि 9 साल बाद वेतन-भत्तों में यह संशोधन बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत को देखते हुए किया गया है, ताकि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के हित में बेहतर सेवा दे सकें।

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