उत्तरकाशी आपदा: बादल फटने के बाद बचाव कार्य तेज, वायुसेना ने 20 टन राहत सामग्री पहुंचाई

उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में आज भी सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों का राहत व बचाव अभियान जारी है। बादल फटने से आए अचानक सैलाब में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भर रहे हैं। प्रभावित लोगों को मातली हेलीपैड तक पहुंचाकर वहां से उनके गंतव्य तक सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद हालात पर नजर रख रहे हैं और मौके से राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सड़क, संचार, बिजली और खाद्य आपूर्ति जल्द बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
वायुसेना की अहम भूमिका
भारतीय वायुसेना ने राहत कार्य में तेजी लाते हुए शिनुक और Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों के साथ C-295 और AN-32 परिवहन विमानों को तैनात किया है। सड़क संपर्क टूटने के बाद वायुसेना ने 130 NDRF, SDRF और सेना के कर्मियों को मौके पर पहुंचाया और लगभग 20 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से भेजी। हेलीकॉप्टरों ने दिनभर कई उड़ानें भरकर नजदीकी गांवों और सेना के शिविरों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।एनडीआरएफ के 69 बचावकर्मी, दो खोजी कुत्ते और पशु-चिकित्सकों की टीम भी ऑपरेशन में जुटी है। सेना के मुताबिक, 50 से अधिक लोग और एक जूनियर कमीशन ऑफिसर समेत नौ सैनिक अब भी लापता हैं।
बारिश बनी चुनौती
लगातार भारी बारिश से बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है। उत्तरकाशी को जोड़ने वाली कई सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और कई स्थानों पर भूस्खलन का मलबा जमा है। इसके बावजूद राहत दल वायुसेना की मदद से मुश्किल परिस्थितियों में भी आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंचकर लोगों की जान बचाने में जुटे हैं।