बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री डॉ. अशोक कुमार राम JDU में शामिल

पटना। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. अशोक कुमार राम* ने अपने बेटे अतिरेक कुमार और कई समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर *जनता दल (यूनाइटेड) का दामन थाम लिया है।
उन्हें जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद *संजय कुमार झा* और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। सदस्यता ग्रहण करने के बाद अशोक राम मुख्यमंत्री *नीतीश कुमार* से मिलने उनके आवास पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
कांग्रेस छोड़ने की वजह क्या रही?
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान द्वारा *कृष्णा अल्लावरू* को बिहार कांग्रेस का प्रभारी और *राजेश राम* को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से अशोक राम पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। डॉ. राम छह बार विधायक रह चुके हैं और राज्य सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं।
क्या बोले डॉ. अशोक कुमार राम?
जदयू में शामिल होते समय डॉ. राम ने कहा:आज का दिन मेरे जीवन में बहुत अहम है। इस समय बिहार को नीतीश कुमार की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है। ऐसे में मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं उनका साथ दूं और उन्हें मजबूती प्रदान करूं। मेरे पिता, स्वर्गीय बालेश्वर राम जी, समता पार्टी के गठन में नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले थे। अब हमारा संकल्प है कि हम एकजुट होकर फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनाएंगे।
कांग्रेस ने क्या कहा?
डॉ. अशोक राम के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता *प्रेमचंद मिश्रा* ने उन्हें *“घोर अवसरवादी”* करार देते हुए कहा:जिस अशोक राम के पिता बालेश्वर राम को केंद्र में मंत्री बनाया गया, खुद वे विधायक दल के नेता रहे, वही अब कहते हैं कि कांग्रेस में दलितों की उपेक्षा हो रही है। कांग्रेस ने तो राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बड़ा संदेश दिया है और राष्ट्रीय स्तर पर मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेता पार्टी अध्यक्ष हैं। ऐसी बातें वही करता है जो घोर अवसरवादी होता है।