अनिरुद्धाचार्य का स्पष्टीकरण : ‘नारी का नहीं किया अपमान, अगर किसी को ठेस पहुंची हो तो क्षमा चाहता हूं’

मथुरा। मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने हाल ही में अपने एक बयान को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी किसी सम्पूर्ण महिला समाज के लिए नहीं थी, बल्कि कुछ विशेष घटनाओं और व्यक्तियों के आचरण को लेकर की गई थी।
“आधी-अधूरी बातों से फैला भ्रम”
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनका वीडियो अधूरा चलाया गया, जिससे बात का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा, “कुछ बहनें अधूरी वीडियो देखकर नाराज़ हो गईं। मैंने कहा था कि कुछ लड़कियां और कुछ पुरुष ऐसे होते हैं जो संबंधों को निभाने की योग्यता नहीं रखते। मेरी बात का उद्देश्य था कि चाहे स्त्री हो या पुरुष, दोनों को चरित्रवान होना चाहिए।”
“इतिहास से लिया गया उदाहरण”
कथावाचक ने अपने बयान को लेकर कहा कि उन्होंने राजा रघुवंशी की पत्नी की एक ऐतिहासिक घटना का उदाहरण दिया था, जहाँ एक स्त्री ने अपने ही पति की हत्या कर दी थी। उनका कहना है कि यह उदाहरण सिर्फ कुछ विशेष घटनाओं पर प्रकाश डालने के लिए था, न कि सभी महिलाओं पर टिप्पणी करने के लिए।
“नारी का सम्मान सर्वोपरि”
माफी मांगते हुए अनिरुद्धाचार्य ने कहा, “मैं नारी का सम्मान करता हूँ। हमारे लिए नारी लक्ष्मी तुल्य है। अगर मेरी बात से किसी बहन या बेटी को ठेस पहुँची हो, तो मैं हृदय से क्षमा चाहता हूँ।” हालाँकि उन्होंने सफाई दे दी है और क्षमा भी मांगी है, फिर भी कई सामाजिक संगठन और महिला समूह उनके बयान से संतुष्ट नहीं हैं। विरोध-प्रदर्शन अब भी जारी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है।