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यूपी में सियासी हलचल तेज: बृजभूषण शरण सिंह की सीएम योगी से मुलाकात के क्या मायने?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कारण है—पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात। सोमवार को बृजभूषण सीएम आवास, 5 कालिदास मार्ग पहुँचे, जहाँ उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक की। इस मुलाकात के बाद वे बिना किसी बयान के बाहर आ गए, लेकिन अटकलों का दौर शुरू हो गया।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बैठक केवल ‘शिष्टाचार मुलाकात’ नहीं थी। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सीएम योगी और बृजभूषण शरण सिंह के रिश्तों में तनाव की चर्चा जोरों पर थी। अब माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच की दूरियां कम करने की कोशिश की जा रही है, ताकि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी किसी तरह की अंदरूनी खींचतान से बच सके।

बृजभूषण शरण सिंह पूर्वांचल और अवध क्षेत्र की राजनीति में एक प्रभावशाली नाम हैं। गोंडा, अयोध्या, बस्ती, बलरामपुर, अंबेडकरनगर और गोरखपुर जैसे जिलों में उनकी मजबूत पकड़ है। ऐसे में बीजेपी को यह चिंता सताने लगी थी कि अगर उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली या सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर झुकाव दिखाया, तो यह पूर्वी यूपी की कई सीटों पर भारी पड़ सकता है।

हाल ही में बृजभूषण के बयानों में जिस तरह सपा के प्रति ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ और बीजेपी के प्रति चेतावनी भरा लहजा देखने को मिला, उससे भी संकेत मिला कि सब कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में यह मुलाकात बीजेपी के लिए ‘डैमेज कंट्रोल’ की कवायद मानी जा रही है।

बृजभूषण शरण सिंह की छवि एक रॉबिनहुड जैसे नेता की है, जो जनता के बीच सीधे संवाद और दबदबे के लिए जाने जाते हैं। बीजेपी को अगर आगामी चुनावों में उनका सहयोग चाहिए, तो सीएम योगी से उनका संबंध मजबूत होना जरूरी है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच बिगड़े रिश्तों को सुधार पाएगी, या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक औपचारिकता भर बनकर रह जाएगी।

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