जनजातीय समाज की नई उम्मीद और विकास का आधार बन रही योगी सरकार की योजनाएं

लखनऊ। योगी सरकार ने जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और धरती आबा जनभागीदारी अभियान के माध्यम से योगी सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2024 को झारखंड के हजारीबाग से शुरू किए गए इस अभियान को योगी सरकार ने प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने का बीड़ा उठाया है। इस पहल के तहत 15 नवंबर तक 517 चिन्हित ग्रामों में 25 कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो राज्य के 26 जनपदों और 47 विकास खंडों को कवर करेगा।
योगी सरकार का यह कदम जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। अभियान के तहत आधार कार्ड, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, जनधन खाते, छात्रवृत्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को पूरा किए जाने के लिए मिशन मोड के माध्यम से चलाया जाना है।
इन जिलों में चलेगा अभियान
समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन जनपदों को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत चिन्हित किया गया है, उनमें अंबेडकरनगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर एवं सोनभद्र शामिल हैं।
अभियान के तहत 18 विभागों को किया गया है शामिल
बता दें कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 02 अक्टूबर, 2024 को किया गया है। इसका उद्देश्य देशभर में 63,000 से अधिक जनजाति बाहुल्य ग्रामों तथा आकांक्षी जनपदों के जनजातीय ग्रामों को 18 विभागों के 25 विशेष योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर गांव में इन सभी योजनाओं का लाभ पूरी तरह से पहुंचे। इनमें ग्राम्य विकास, जल जीवन मिशन (नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग), जल शक्ति, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (एन०एच०एम०), खाद्य एवं रसद, महिला कल्याण एवं बाल विकास, माध्यमिक शिक्षा, आयुष, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, कृषि, मत्स्य, पशुपालन, पंचायती राज, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा संस्थागत वित्त विभाग शामिल हैं।
जिलों में होगा विशेष शिविर का आयोजन
15 जून से 30 जून तक संचालित धरती आबा जनभागीदारी अभियान के जरिए 549 जनजातीय बहुल जिलों और 207 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) जिलों में विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में ग्रामीणों को योजनाओं से जोड़ने और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है, जो समुदाय के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने निर्देश दिया है कि सभी विभाग चिन्हित ग्रामों का डेटा वैलिडेशन शीघ्र पूरा करें और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए त्वरित कार्रवाई करें। यह समन्वित प्रयास न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का “Last Mile, First Priority” का दृष्टिकोण इस अभियान की रीढ़ है। समयबद्ध तरीके से योजनाओं को लागू करने और प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे। ग्रामीणों को जागरूक करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए शिविरों का आयोजन एक अनूठी पहल है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने में मदद करेगा। यह अभियान न केवल भौतिक विकास लाएगा, बल्कि जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में भी योगदान देगा।
जनता की भागीदारी का किया गया आह्वान
प्रमुख सचिव ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे इस महाअभियान में बढ़-चढक़र भाग लें और जनजातीय विकास में योगदान दें। यह पहल केवल सरकार का प्रयास नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के सहयोग से संचालित होने वाली जनक्रांति है। योगी सरकार का मानना है कि जनजातीय समुदायों का उत्थान पूरे प्रदेश के समग्र विकास का आधार है, और यह अभियान उस दिशा में एक ठोस कदम है।