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‘जो देश इनोवेशन को महत्व नहीं देता, उसका विकास रुक जाता है’, पीएम मोदी ने की मन की बात

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 108वें एपिसोड पर देश को संबोधित किया जिसमे पीएम मोदी फिट इंडिया जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज आत्मनिर्भरता से ओत-प्रोत है। दिवाली में हुए कारोबार ने यह साबित किया कि लोग वोकल फॉर लोकल पर जोर दे रहे हैं।

उन्होंने आगे चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को याद करते हुए कहा कि इस मिशन के जरिए हमारे देश के वैज्ञानिकों ने देश का नाम रौशन किया। वहीं, खेल जगत में हमारे देश के एथलीट और क्रिकेटर्स ने देशवासियों का दिल जीत लिया।

108वें एपिसोड की बताई खासियत

पीएम मोदी ने आगे कहा,आज हमारी साझा यात्रा का 108वां एपिसोड है। हमारे यहां 108 अंक का महत्व, उसकी पवित्रता एक गहन अध्ययन का विषय है। माला में 108 मन के, 108 बार जप, 108 दिव्य क्षेत्र, मंदिरों में 108 सीढ़ियां, 108 घंटियां… 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए मन की बात का 108वां एपिसोड मेरे लिए और खास हो गया है।

आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत हैं देशवासी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”ये 140 करोड़ भारतीयों की ताकत है कि इस वर्ष हमारे देश ने कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। आज भारत का कोना-कोना आत्मविश्वास से भरा हुआ है। विकसित भारत की भावना से, आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है। 2024 में भी हमें इसी भावना और momentum को बनाए रखना है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडैक्स का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा, भारत का इनोवेशन हब बनना, इस बात का प्रतीक है कि हम रुकने वाले नहीं हैं। 2015 में हम ग्लोबल इनोवेशन इंडैक्स में 81वें रैंक पर थे आज हमारी रैंक 40 है। इस वर्ष भारत में फाइल होने वाले पेटेंट्स की संख्या ज्यादा रही है, जिसमें करीब 60 प्रतिशत घरेलू फंड के थे। QS Asia University Ranking में इस बार सबसे अधिक संख्या में भारतीय यूनिवर्सिटी शामिल हुई है।

फिट इंडिया पर पीएम मोदी का जोर

पीएम मोदी ने फिट इंडिया का जिक्र करते हुए कहा,”हर दिन 7 घंटे की पूरी नींद शरीर के लिए बहुत जरूरी है और फिट रहने के लिए मदद करती है। इसके लिए बहुत अनुशासन और निरंतरता की जरुरत होगी। जब आपको इसका रिजल्ट मिलने लग जाएगा तो आप हर दिन खुद ही व्ययाम करना शुरू कर दोगे।

पीएम मोदी ने एआई टूल के फायदा को किया साझा

काशी-तमिल संगमम में हिस्सा लेने के लिए हजारों लोग तमिलनाडु से काशी पहुंचे थे। वहां मैंने उन लोगों से संवाद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई टूल (Artificial Intelligence Al Tool) भाषिणी का सार्वजनिक रूप से पहली बार उपयोग किया।

मैं मंच से हिंदी में संबोधन कर रहा था लेकिन एआई टूल (Al Tool) भाषिणी की वजह से वहां मौजूद तमिलनाडु के लोगों को मेरा वही संबोधन उसी समय तमिल भाषा में सुनाई दे रहा था।

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