नई दिल्ली। तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय ईडी के एक अधिकारी को पुलिस ने एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रु की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ईडी अधिकारी का नाम अंकित तिवारी है। सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार को इस बारे में विस्तार से बताया है। पता चला है कि वह वसूली के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम का इस्तेमाल किया करता था।
इस मामले में ईडी के अन्य अधिकारियों की मिलीभगत होने का भी शक है। इसी आधार पर ईडी के ही दफ्तर में छापेमारी की गई। डीवीएसी ने एक बयान में कहा कि अंकित तिवारी को डिंडीगुल में शुक्रवार को हिरासत में लिया गया। उसके बाद उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। अदालत ने आरोपी अधिकारी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले अधिकारियों ने अंकित तिवारी से गहन पूछताछ की। डीवीएसी ने कहा कि हमारी टीम इस बात की जांच की जा रही है कि क्या आरोपी अधिकारी ने पहले भी किसी अन्य को ब्लैकमेल या धमकी देकर रिश्वत ली थी।
डीवीएसी ने दावा किया है कि सरकारी कर्मचारी जब मदुरै पहुंचा तो अंकित तिवारी ने मामले में कानूनी कार्रवाई से बचने के एवज में उससे तीन करोड़ रुपये देने की बात कही। इसके बाद उससे कहा गया कि उसने अपने वरिष्ठों से बात की और उनके निर्देशों के अनुसार वह 51 लाख रुपये लेने के लिए राजी हो गए हैं। इसके बाद एक नवंबर को कर्मचारी ने अंकित को 20 लाख रुपये दिए। बाद में तिवारी ने कर्मचारी को व्हाट्सएप कॉल और टेक्स्ट मैसेज करके कई बार धमकी दी कि उसे 51 लाख रुपये की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, नहीं तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इसके बाद सरकारी कर्चमारी को उसपर कुछ शक हुआ। सरकारी कर्मचारी ने गुरुवार को ईडी अधिकारी के खिलाफ डिंडीगुल जिला सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी इकाई में शिकायत की। इसके बाद शुक्रवार को डीवीएसी के अधिकारियों ने अंकित तिवारी को शिकायतकर्ता से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बयान में कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सुबह 10.30 बजे ईडी अधिकारी को गिरफ्तार किया गया।