Haridwar: पहली धार्मिक यात्रा पर निकले जितेंद्र नारायण त्यागी, कहा- हिजाब और खुले में नमाज पर कानून लाना जरूरी
हरिद्वार। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने सनातन धर्म अपनाने के बाद अपनी पहली धार्मिक यात्रा शुक्रवार से शुरू की है। हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन के बाद त्यागी बदरीनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने देश एक कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग भी की ।
उन्होंने कहा कि एक देश एक कानून लागू होने से हिजाब, खुले में नमाज पढ़ना, सरकारी जमीनों पर धार्मिक स्थलों का निर्माण जैसी गतिविधियां पर रोक लगेगी।
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी शुक्रवार को हरकी पैड़ी पहुंचे। उन्होंने संतों के साथ मां गंगा का पूजन किया। कहा कि सनातन धर्म अपनाने के बाद पहली धार्मिक यात्रा है। यात्रा पर बदरीनाथ धाम तक जाएंगे। यात्रा पर निकलने से पूर्व जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि भारत में बहुसंख्यक आबादी सनातन धर्म के मानने वालों की है। भारत का पड़ोसी मुल्क सनातन धर्म को मिटाने और गजवा ए-हिंद का ख्वाब देखते हुए भारत में आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहा है।
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त्यागी ने कहा कि भारत के ही कुछ देशद्रोही प्रवृत्ति के संगठन और व्यक्ति पड़ोसी मुल्क का साथ देकर कई तरह के जिहाद चला रहे हैं। इससे भारत को भविष्य में बड़ाखतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा का उद्देश्य एक देश एक कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग है। कहा कि एक देश एक कानून भारत में जरूरी हो गया है।
भारत में कुछ धर्म अपने रीति-रिवाज की आड़ में भारतीय संविधान को दरकिनार कर धार्मिक कानून चला रहे हैं। इससे समाज में कई तरह की गंभीर परेशानियां पैदा हो रही हैं। हिजाब, खुले में नमाज पढ़ना, सरकारी जमीनों पर धार्मिक स्थलों का निर्माण, वक्फ एक्ट का लाभ उठाकर कानूनी तरीके से इस्लामीकरण मुख्य है। सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून जरूरी है। इस दौरान शांभवी आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप, दर्शन भारती आदि मौजूद रहे।