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उत्तराखंड में 24 फीसदी बढ़े सड़क हादसे, परिवहन विभाग के पास अधिकारियों की कमी

राज्यभर में बढ़ते हादसों ने चिंता बढ़ा दी है। जबकि, हाईकोर्ट की ओर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने हर जिले में सड़क हादसों को दस फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वर्ष 2021 में जून तक 659 सड़क हादसे हुए, तब 399 लोगों ने जान गंवाई और 530 लोग घायल हुए। इस साल जून तक 821 सड़क हादसे हुए और 533 लोगों की मौत हुई। जबकि, 759 लोग घायल हुए।

पहाड़ी क्षेत्रों के दफ्तरों में प्रवर्तन अधिकारी नहीं
सड़क हादसे रोकने के लिए परिवहन विभाग के पास पर्याप्त संख्या में प्रवर्तन अधिकारी नहीं हैं। पहाड़ के दफ्तरों में प्रवर्तन अधिकारी की कमी बनी हुई है। उत्तरकाशी के एआरटीओ को डेढ़ सौ किमी दूर आराकोट तक जाना पड़ता है। प्रवर्तन अधिकारी के पदों में पिछले कुछ साल में भारी कटौती हुई। इस कारण प्रवर्तन का काम ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है।

सचिव ने दिए निर्देश
परिवहन आयुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्षों को सड़क हादसों का ब्योरा भेजा है।

यहां बढ़े हादसे
पिथौरागढ़, दून, बागेश्वर, चंपावत, चमोली, हरिद्वार, उत्तरकाशी और यूएसनगर।

यहां बढ़े मृतक
चंपावत, दून, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, यूएसनगर

यहां बढ़े घायल
चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, यूएसनगर, नैनीताल और टिहरी।

अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग जिले में घटे सड़क हादसे
अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग में सड़क हादसों में कमी आई है। अल्मोड़ा में पिछले साल 13 हादसे हुए, जिनमें नौ लोगों की मौत और 34 घायल हुए। इस बार तीन हादसों में पांच की मौत और 19 घायल हुए। रुद्रप्रयाग में बीते साल पांच हादसों में पांच की मौत और पांच घायल हुए। इस बार चार हादसों में तीन मौत और तीन घायल हुए हैं।

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