Amarnath Cloud Burst: यात्रियों से तीन गुना ज्यादा वसूल रहे रुपए, मृतकों के रुपए गहने भी नहीं छोड़ रहे
श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास शुक्रवार की शाम को बादल फटने के बाद कोहराम मचा हुआ है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई और कई लोग अभी भी पवित्र गुफा और अलग अलग जगहों पर फंसे हुए है। त्रासदी के बाद जहां लोग नीचे आने की जद्दोजहद करने में लगे है वहीं पालकी और घोड़ा चालकों ने अपनी मनमर्जी शुरू कर दी है। वह नीचे जाने की जल्दी में लगे लोगों से तीन गुणा रेट ज्यादा वसूल कर रहे हैं। यहां तक कि मृतकों के रुपये गहने भी नहीं छोड़े जा रहे।
अगर सरकार का रेट चार हजार है तो उनसे दस से 12 हजार रुपये सिर्फ नीचे आने के मांगे जा रहे हैं। पालकी वाले 25 हजार रुपये तक की मांग कर रहे है। श्री अमरनाथ यात्रा से वापस आने वाले यात्रियों ने फोन पर सारी बात बताई कि कैसे घोड़ा और पालकी चालक लोगों को ठग रहे हैं। जो बचाने जा रहा है उन्हें धकेला जा रहा है। मिलिट्री वाले लोगों को बचाने में लगे है और घोड़ा और पालकी चालक परेशान करने में लगे है।
श्री महाकाल श्रृंगार सेवा सोसायटी के मनु चावला ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ बस लेकर लुधियाना से रवाना हुए थे। शुक्रवार शाम को ही वह बालटाल के रास्ते गुफा के पास पहुंचे थे कि अचानक से बादल फट गया। एक दम से पानी के तेज बहाव के चलते टेंट बह रहे थे। साथ ही लोग भी बहते जा रहे थे। वह और उनके साथी हिम्मत जुटाते तब तक मिलिट्री वालों ने उन्हें वहीं रोक दिया और आगे जाने की इजाजत नहीं दी। बाद में वहां भगदड़ मच गई। वह किसी तरह से साथियों के साथ आगे गए तो आगे का मंजर काफी खतरनाक था। पवित्र गुफा से नीचे आते ही जो भंडारे लगे थे वह बह चुके थे। उनमें से कुछ लोग भी बह चुके थे।
दुकानें और टेंट वाले भी काफी बह चुके थे। देर रात उन्हें दर्शन करने के बाद वहां रुकने नहीं दिया गया। जब वे किसी घोड़ा या फिर पालकी वाले से पूछते तो उन्होंने रेट बढ़ा दिए। पहले डबल तो बाद में तीन गुणा रेट कर दिए गए। उन्हें सीधे पंचतरनी भेज दिया गया। वहां जैसे तैसे रात काटी। सुबह होते ही उन्हें पैदल ही जाने की इजाजत दी गई कि वह संगम तट से होते हुए बालटाल पहुंचे। रास्ते में अगर कोई यात्री घोड़ा चालक से पूछता तो वह दस से 12 हजार रुपये की मांग करते और पालकी वाले 25 हजार रुपये की मांग करने लगे। हालांकि श्राइन बोर्ड बार बार कहता रहा कि अगर कोई ज्यादा पैसे वसूल करता है तो उसकी शिकायत करे, लेकिन घोड़ा चालक और पालकी चालक किसी की कोई सुनने को तैयार नहीं।
मनु चावला ने बताया कि इस समय वहां के हालात काफी खराब है। अगर मंजर की बात की जाए तो वह उस हालात में नहीं है कि कुछ ब्यां कर पाए। बस यात्रियों के साथ साथ दुकानदारों का सबसे ज्यादा नुकसान है। दुकानदारों के टेंट तो पानी में बह ही गए साथ ही वह खुद भी बह गए। उन्होंने कहा कि घोड़ा और पालकी चालकों ने इतनी लूट मचा रखी है कि वह वहां मरे हुए लोगों की जेबों से पैसे निकाल रहे है। अगर किसी ने कोई जेवर पहन रखा है तो वह निकाले जा रहे है। जब तक सुरक्षा कर्मचारी आते है तब तक वहां से भाग निकल जाते है। बचावकार्य में जुटी टीमें उन्हें काबू करने की बजाए अपने राहत कार्य में फिर से जुट जाती है। वह हालात के आगे मजबूर है और उसी मजबूरी का फायदा घोड़ा और पालकी चालक उठा रहे है। मनु चावला ने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर के गर्वनर को हस्तक्षेप कर इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और जांच कराने के आदेश जारी करने चाहिए। ताकि यात्रा करने वाले यात्रियों में कोई डर का माहौल पैदा न हो सके और यात्री आने वाले दिनों में आराम से यात्रा कर सकें।
मनु चावला ने बताया कि अब रास्ते में घोषणा हो रही है कि एक सप्ताह तक यात्रा स्थगित कर दी गई है। इसके अलावा ओर भी कई टीमें बालटाल से लेकर पवित्र गुफा तक के रास्ते में पहुंच गई है और राहत कार्य में तेजी ला दी गई है। उन्होंने कहा कि इस समय यात्रा दोनों रास्तों से बंद कर दी गई है और जो यात्री ऊपर है उन्हें जल्द ही नीचे किसी तरह जाने के आदेश जारी कर दिए गए है।