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शिंजो आबे का भारत से था खास कनेक्शन, जानें कब-कब उन्होंने भारत का दौरा किया

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान एक हमलावर ने उन पर गोली मार दी, जिसके बाद उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया। शिंजो आबे 67 साल के हैं। पीएम मोदी ने अपने खास दोस्त पर हमले को लेकर दुख व्यक्त किया है।

शिंजो आबे का भारत को लेकर खास लगाव था। यह लगाव काशी से लेकर क्योटो तक दिखाई देता था। आबे का भारत की संस्कृति से लेकर द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जो निकटता थी वह कई मौकों पर दिखाई थी। बुलेट ट्रेन परियोजना से लेकर असैन्य परमाणु समझौते में आबे की भूमिका भारत से उनके प्रति प्यार को दर्शाती है।

शिंजो आबे सबसे ज्यादा भारत आने वाले जापान के पहले प्रधानमंत्री हैं. अपने पहले कार्यकाल में आबे 2006 में पहली बार भारत आए थे. उस समय उन्होंने भारत में संसद को संबोधित भी किया था.

2012 में फिर से प्रधानमंत्री बनने के बाद आबे 2014 में भारत आए थे. वो 26 जनवरी की परेड के मुख्य अतिथि थे. आबे जापान के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो 26 जनवरी की परेड के मुख्य अतिथि रहे थे. इसके बाद आबे ने दिसंबर 2015 और सितंबर 2017 में भी भारत का दौरा किया.

दिसंबर 2015 में जब आबे भारत दौरे पर आए थे, तब वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी गए थे. उस समय वाराणसी इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशनल सेंटर की घोषणा की. इस प्रोजेक्ट को जापान की मदद से बनाया गया है. इसमें जापान ने 186 करोड़ रुपये की मदद की थी.

14 जुलाई 2021 को जब पीएम मोदी ने वाराणसी कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया, तब उन्होंने शिंजो आबे को खासतौर से धन्यवाद दिया था. उस समय पीएम मोदी ने कहा था कि ‘इस आयोजन में एक और व्यक्ति हैं, जिनका नाम मैं नहीं भूल सकता. जापान के ही मेरे मित्र- शिंजो आबे. शिंजो आबे जब काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी.’

इसके बाद सितंबर 2017 में जब आबे भारत आए तो वो पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद गए. उन्होंने साबरमती आश्रम भी घूमा. इसी दौरे में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी. भारत की पहली बुलेट ट्रेन जापान की मदद से ही बन रही है. इस प्रोजेक्ट पर 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 88 हजार करोड़ रुपये जापान लगा रहा है.

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