योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रज़ा के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वारंट, जानें क्या है पूरा मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच योगी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहसिन रज़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रज़ा के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल एमपी एमएलए (MP MLA ) कोर्ट ने 1989 केस में युवक पर हमले के मामलें में अरेस्ट वारंट जारी किया है।
यह वारंट गुरुवार को लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने जारी किया है, और उनकी हाजिरी माफी और स्थगन अर्जी को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
बता दें कि आरोपी मंत्री मोहसिन रजा कोर्ट में सुनवाई के समय अनुपस्थित थे। उनकी तरफ से अधिवक्ता ने हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र पेश किया। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए कहा कि मामला आज बचाव पक्ष के साक्ष्य के लिए नियत है। लेकिन आरोपी की तरफ से बचाव साक्ष्य पेश न किए जाने और स्थगन प्रार्थना पत्र देने के कारण आधार अपर्याप्त हैं। कोर्ट में 32 साल पुराने इस मामले में एक अन्य आरोपी अकबर हुसैन उपस्थित थे। कोर्ट ने बचाव साक्ष्य समाप्त करते हुए पत्रावली बहस और आरोपी मोहसिन रजा की उपस्थिति के लिए 5 मार्च को पेश करने को कहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दे कि अभियोजन के अनुसार मारपीट के इस मामले की रिपोर्ट वादी लल्लन ने 19 मई, 1989 को आरोपी अरशद उर्फ मोहसिन रजा और अकबर हुसैन के खिलाफ थाना वजीरगंज में लिखाई थी। जिसमें कहा गया है कि वह घटना के दिन ट्रक लेकर नबीउल्लाह रोड से बड़े छत्ते पुल की तरफ जा रहा था। इसी बीच दूसरी तरफ से अकबर उर्फ सज्जू और अरशद उर्फ मोहसिन रजा साइकिल चलाते हुए ट्रक के सामने आ गए। उसने ट्रक में तुरंत ब्रेक लगाया। इन दोनों ने ट्रक के सामने अपनी साइकिल खड़ी कर दी और गाली देने लगे। उसे रुकने को कहा। उसने आगे बढ़ाकर ट्रक साइड में लगा दिया। इन्होंने नीचे उतरने को कहा। वह नीचे उतरा। इसके बाद अकबर और अरशद उसे लात-घूसों से मारने लगे। वह छुड़कार भागने लगा।
तब इन लोगों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। फिर से उसे मारने लगे। वह किसी तरह जान बचाकर भागा। तब दोनों ने ईंट उठाकर उसकी पीठ पर मार दी। मगर, वह भागता रहा। इन्होंने उसे जानमाल की धमकी दी और अपनी साइकिल उठाकर चले गए। 4 अगस्त, 1990 को पुलिस ने इस मामले में अकबर उर्फ सज्जू और अरशद उर्फ मोहसिन रजा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 27 जुलाई, 2018 को इस मामले में मोहसिन रजा पर आरोप तय हुआ था।