रूस-यूक्रेन विवाद : UNSC में भारत द्वारा दिए गए बयान का रूस ने किया स्वागत, कही ये बात
रूस-यूक्रेन विवाद लगातार गहराता जा रहा है। रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला बोल दिया है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की चेतावनी और प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने यह कदम उठाया है, जिसके बाद उसकी हर तरफ आलोचना हो रही है।
वहीं, भारत अब तक इस मुद्दे पर सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करता आया है। पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग देश की मान्यता देने के रूसी कदम पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो बयान दिया था, उसका मॉस्को ने स्वागत किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘भारत में रूस के कार्यकारी राजदूत रोमान बाबुश्किन ने कहा कि ‘पूर्वी यूक्रेन पर भारत की प्रतिक्रिया बिल्कुल स्वतंत्र रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘रूस पर नए प्रतिबंधों के कारण भारत में एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलिवरी प्रभावित नहीं होगी। साथ ही भारत रूस से जो भी सैन्य उपकरण खरीदता है, उसकी आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
रोमान ने यह भी कहा कि ‘पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के रूस दौरे से भारत और रूस के संबंध प्रभावित नहीं होंगे।’बता दें कि इमरान बुधवार को मॉस्को पहुंच चुके हैं। रूसी राजदूत ने कहा कि ‘पाकिस्तान और रूस के संबंध अभी सैन्य साझेदारी के स्तर के नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस स्पष्ट तौर पर मानता है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय विवाद है।’
भारत ने UN में क्या कहा था?
दो दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के रूस समर्थित विद्रोहियों के दबदबे वाले दो इलाकों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। पुतिन के इस कदम से पश्चिमी देश भड़क गए और रूस पर कई तरह के वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा कर डाली। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में कहा कि यूक्रेन को लेकर जो कुछ भी हो रहा है, वह चिंतित करने वाला है। हालांकि, भारत ने रूस के फैसले की आलोचना नहीं की थी।
इंडिया की समझ की तारीफ
रोमान बाबुश्किन ने कहा कि यूक्रेन को लेकर भारत के रुख का रूस स्वागत करता है। यूक्रेन को लेकर भारत ने एक वैश्विक शक्ति के रूप में कई बार संतुलित और स्वतंत्र विचार रखा है। भारत चीज़ों को लेकर अच्छी समझ रखता है और उसे पता है कि राष्ट्रपति पुतिन ने यह घोषणा क्यों की है। रूसी राजदूत ने स्पष्ट किया कि कहा कि अमेरिका के नए वित्तीय प्रतिबंधों के अलावा उसके काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन ऐक्ट (CAATSA) के कारण भारत के साथ 5 अरब डॉलर के एस-400 मिसाइल सिस्टम समझौते पर कोई असर नहीं पड़ेगा।