चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदर लाल बहुगुणा का निधन, कोरोना वायरस से थे संक्रमित
देहरादून: देश के जाने-माने पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का निधन हो गया। उन्होंने ऋषिकेश एम्स में शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि डायबिटीज के साथ वह कोविड निमोनिया से पीड़ित थे। उत्तराखंड बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पर श्रद्धाजंलि दी।
सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन की खबर सुनकर पूरे राज्य में शोक की लहर है। पूर्णानंद घाट ऋषिकेश पर राजकीय सम्मान के साथ स्व. बहुगुणा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भर्ती 94 वर्षीय पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा को कोरोना के साथ ही निमोनिया भी हो गया था। उन्हें सिपेप मशीन सपोर्ट पर रखा गया था और उनका ऑक्सीजन सेचूरेशन लेवल 86 फीसदी पर आ गया था। एम्स में चिकित्सक उनके ब्लड शुगर लेवल और ऑक्सीजन लेवल को संतुलित करने में जुट थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वह डायबिटीज के मरीज भी थे।
कोविड आईसीयू वार्ड में भर्ती बहुगुणा को अब एनआरबीएम मास्क के माध्यम से आठ लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। संस्थान के चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी व उपचार में जुटी थी।