शमशान घाट से कफ़न चुराते, धोकर-स्टिकर लगाकर बेच देते, 7 गिरफ्तार
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोग अपनी जान जोखिम में डाल दूसरों की मदद कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी जिन्होंने आपदा को अवसर में बदल दिया है। अभी तक को दवाइयों, इंजेक्शन और आक्सीजन की ही कालाबाजारी की ख़बरें आती थीं लेकिन अब इंसानों ने ऐसा काम किया है जिससे इंसानियत भी शर्मा जाए। बागपत पुलिस ने 7 लोगों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो शमशान घाट से कोरोना संक्रमित मुर्दों के कफन व कपड़े चोरी करता था।
कपड़े चोरी करने के बाद वो उनको अच्छे से धोकर, उसपर नया स्टिकर लगाकर वापस उसे नए दामों में बेच देते थे। कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि शमशान घाट व कब्रिस्तान से मृतक लोगों के कफन व अन्य कपड़े चोरी कर उन्हें धोकर दोबारा बाजार में बेचेन का काम किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस को चेकिंग के दौरान एक गाड़ी ब्रांडेड कपड़ों से भरी मिली। पुलिस को कुछ संदिग्ध लगा तो पुलिस ने कपड़ों का बिल मांगा। आरोपी बिल नहीं दिखा पाए। पुलिस ने सख्ती की तो मामले से पर्दा उठता चला गया और पता चला कि ये लोग कफन चोरी कर उनको बेचने वाले हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 520 कफन, 127 कुर्ते, 140 कमीज, 34 धोती, 12 गर्म शॉल, 52 साड़ी, तीन रिबन के पैकेट, 158 ग्वालियर के स्टिकर बरामद किए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा शमशान घाट व कब्रिस्तान से मुर्दो के कफन की उतारी गई सफेद पीली चादरो व अन्य पहनने वाले वस्त्रों को धोकर उन्हे प्रेस कर ग्वालियर कम्पनी का फर्जी रिबन व स्टीकर लगाकर पुन: बाजार में बेचने का कार्य किया जाता है।गिरफ्तार आरोपियों में प्रवीण कुमार जैन पुत्र श्रीपाल जैन, आशीष जैन उर्फ उदित जैन पुत्र प्रवीण, श्रवण कुमार शर्मा पुत्र राममोहन, ऋषभ जैन पुत्र अरविन्द, राजू पुत्र ईश्वर, बबलू पुत्र वेदप्रकाश, शाहरूख खान पुत्र मोबीन शामिल हैं।