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05 मई से विशेष अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 70 हजार लोगों का किया गया एंटीजेन टेस्टः नवनीत सहगल

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति अपनाने से पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोविड के एक्टिव मामलों में 50 हजार मामलों की कमी आई है। 30 अप्रैल को 03 लाख 10 हजार मामलों से घटकर अब 02 लाख 59 हजार रह गये हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है। कल प्रदेश में 02 लाख 25 हजार 670 टेस्ट किये गये हैं। प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए 13 नई मशीनें, 22 नये सेमी ऑटोमैटिक एक्सटेक्टर खरीद कर लगा दिये गये हैं, और इनका काम शुरू हो गया है। इसके अलावा 335 लैब टैक्नीशियन और लैब्स से सम्बंधित स्टाफ को भी नियुक्त कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि 05 मई, 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत आरआरटी टीम द्वारा लगभग 70 हजार लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया गया था जिनमें 3,500 से अधिक कोविड पाॅजिटिव मिले। उन्होंने बताया कि पाॅजिटिव लोगों को मेडिकल किट प्रदान करते हुए उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। इस अभियान के तहत 97 हजार राजस्व गावों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त  लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आर0आर0टी0 टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे ग्राम पंचायत/स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। इन क्वारंटीन सेंटरों में रहने वाले लोगों की देखभाल एवं खान-पान की व्यवस्था सरकार कर रही है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज कोविड-19 के सम्बंध में समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश दिये गये हैं कि होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी कोविड मरीजों को दो दिनों में मेडिकल किट उपलब्ध करा दी जाय। इसके साथ-साथ होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को ऑक्सीजन सिलेण्डर मिल सके इसके लिए जनपदों में एक व्यवस्था की जाय, जिसके तहत होम आइसोलेशन वाले मरीज डॉक्टरों का पर्चा तथा अपना कोई पहचान पत्र दिखाकर एक निश्चित स्थान से ऑक्सीजन सिलेण्डर प्राप्त कर सकें।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन आपूर्ति में बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 823 मी0टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। वर्तमान में 90 टैंकर ऑक्सीजन से सम्बंधित कार्य हेतु क्रियाशील हैं। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हैं। इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे 544 औद्योगिक संस्थानों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके। मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट किया है कि निर्माण सम्बंधी गतिविधियां जैसे हाइवे, एक्सप्रेस-वे, बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट तथा अन्य प्रोजेक्ट में काम नहीं रूकना चाहिए।

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। जिसके तहत प्रदेश में 10 मई सोमवार प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रहेगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहेंगी। पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ सायंकाल में कोविड के सम्बंध में बैठक करेंगे।

सहगल ने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,25,670 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें से 01 लाख 12 हजार से अधिक निजी एवं सरकारी संस्थानों में आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच की गई। प्रदेश में अब तक कुल 4,22,58,373 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 26,780 नये मामले आये हैं तथा 28,902 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। अब तक 11,51,573 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कोरोना के एक्टिव मामलों में से 1,99,096 व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं, इसके अतिरिक्त मरीज सरकारी एवं निजी चिकित्सालायों में इलाज करा रहे है।

प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,55,330 क्षेत्रों में 5,97,353 टीम दिवस के माध्यम से 3,42,81,410 घरों के 16,53,22,554 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। अब तक 1,06,65,499 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 25,90,456 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इस प्रकार कुल 1,32,55,955 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष वाले लोगों का भी टीकाकरण किया जा रहा है। जिसके तहत 01 मई, 2021  से अब तक 68,536 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन प्रभावी एवं असरकारी और पूरी तरह से सुरक्षित है। कोविड वैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करे।

प्रसाद ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने बताया कि मास्क न लगाने पर पहली बार में 1000 रू0 बाद में हर बार 10,000 रूपये का जुर्माना हो सकता है। इसी प्रकार सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर हर बार 500 रूपये का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन अवश्य करें।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि कैबिनेट निर्णय के अनुसार अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन/मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त दिया जायेगा। एमबीबीएस के अंतिम वर्ष वाले छात्र, एमएससी नर्सिंग के छात्र, बीएससी नर्सिंग, अन्तिम वर्ष के टेक्निशियन उन सबके लिए प्रतिदिन मानदेय की व्यवस्था की गयी है। जिसके तहत एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्रों को 500 रू0 प्रतिदिन, एमएससी नर्सिंग छात्रों को 400 रू0 प्रतिदिन, बीएससी नर्सिंग और जीएनएम छात्रों को 300 रू0 प्रतिदिन मानदेय की व्यवस्था के साथ-साथ खाद्य भत्ता की भी व्यवस्था की गयी है। इसके तहत मासिक 50 करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है। यह योजना 01 मई, 2021 से 31 जुलाई, 2021 तक रहेगी। आवश्यकतानुसार मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन पर इसको आगे बढ़ाया जायेगा।

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