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दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर रेखा सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी स्कूलों में लगाए जाएंगे 10 हजार एयर प्यूरीफायर

नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए रेखा गुप्ता सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की है कि राजधानी के सभी सरकारी स्कूलों के क्लासरूम में कुल 10,000 एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के कारण कई बार स्कूल बंद करने पड़ते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। बच्चों को स्कूलों में स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।

गृह मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली का वायु प्रदूषण कोई मौसमी समस्या नहीं है और न ही यह पिछले कुछ महीनों में पैदा हुई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण आसपास के राज्यों से आने वाले प्रदूषक हैं। मौसम पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सरकार समाधान की दिशा में लगातार काम कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ बेरोजगार राजनेता सरकार की आलोचना कर रहे हैं और कभी ईवीएम, कभी कोयला, कभी बिजली और कभी परमाणु ऊर्जा के विशेषज्ञ बनकर बयान दे रहे हैं। ऐसे नेता यह दावा कर रहे हैं कि सरकार ने हरे-भरे इलाकों में AQI मीटर लगाए हैं।

गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2017-18 में 20 स्थानों को ‘ग्रीन-20’ सूची में शामिल किया गया था, जिनमें जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, असोला वन्यजीव अभ्यारण्य, अलीपुर के ग्रामीण क्षेत्र और नेहरू नगर का कॉलेज शामिल थे। इन स्थानों पर AQI मीटर केवल डेटा एकत्र करने के उद्देश्य से लगाए गए थे, न कि हवा को बेहतर दिखाने के लिए।

केजरीवाल सरकार के उपायों पर सवाल

गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग दावा करते हैं कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए वैज्ञानिक उपाय अपनाए थे, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि वे उपाय क्या थे। ऑड-ईवन योजना पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सवाल उठाए थे और कहा था कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए 100 से ज्यादा सुझाव दिए गए थे।

इसके बाद लाल बत्ती पर वाहन का इंजन बंद करने जैसे कदम उठाए गए, लेकिन यदि यह माना जाता है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण धूल है, तो शहर में बड़े पैमाने पर मैकेनाइज्ड सफाई मशीनें लगाई जानी चाहिए थीं।

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