यूपी में SIR बना सिरदर्द, 4 करोड़ वोटरों के नाम लिस्ट से कटने की आशंका, सीएम योगी चिंतित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की धीमी प्रगति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिंता बढ़ती नजर आ रही है। राज्य में करीब चार करोड़ मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से बाहर होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक लगभग 12 करोड़ मतदाताओं ने ही SIR के तहत फॉर्म जमा किए हैं, जबकि मुख्यमंत्री का कहना है कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कम से कम 16 करोड़ मतदाता होने चाहिए।
यूपी बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मेहनत कर इन लापता चार करोड़ मतदाताओं का पता लगाएं। उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं का नाम सूची में नहीं दिख रहा है, उनमें से 85 से 90 प्रतिशत पार्टी के समर्थक बताए जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
घर-घर जाकर वैरिफिकेशन के निर्देश
मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करें और जिनके नाम कटने की आशंका है, उन्हें दोबारा सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास करें। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं का रिकॉर्ड से बाहर होना गंभीर मामला है।
इस बीच राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग शहरों में रहने के बावजूद गांव में अपना वोट दर्ज कराए हुए हैं। चूंकि अब एक व्यक्ति केवल एक ही स्थान का मतदाता हो सकता है, इसलिए कई प्रवासी मतदाताओं के नाम मिसिंग की श्रेणी में आ गए हैं।
गाजियाबाद में धीमा काम, बीजेपी सांसद का बयान
गाजियाबाद उन जिलों में शामिल है, जहां SIR की प्रक्रिया सबसे धीमी बताई जा रही है। इस पर गाजियाबाद से बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने कहा कि विपक्ष अक्सर बीजेपी पर वोट चोरी के आरोप लगाता है, लेकिन यहां तो पार्टी समर्थकों के ही वोट गायब हो रहे हैं। उनका दावा है कि इससे यह साफ होता है कि SIR की प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से चल रही है।
अखिलेश यादव का तंज
बीजेपी और सरकार की चिंता पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के 85 से 90 प्रतिशत वोटरों के गायब होने का मतलब यह है कि PDA प्रहरियों की सतर्कता के चलते SIR में किसी तरह की मनमानी नहीं हो पाई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी की मदद के लिए SIR की समयसीमा दो हफ्ते बढ़ाई है, लेकिन विपक्ष पूरी तरह सतर्क है।
माइग्रेशन को माना गया कारण
लापता मतदाताओं को लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी के बीच यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर माइग्रेशन हुआ है। लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि बचे हुए समय में फॉर्म-6 भरवाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अगर वास्तव में चार करोड़ मतदाताओं के नाम कटते हैं, तो यह इस बात का प्रमाण होगा कि वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण क्यों जरूरी था।







