‘वीर बाल दिवस’ का नाम बदलने की मांग, मान सरकार ने केंद्र पर सिख भावनाओं की अनदेखी का लगाया आरोप

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘वीर बाल दिवस’ का नाम बदलकर ‘साहिबज़ादे शहादत दिवस’ करने की मांग की है।
पंजाब सरकार का कहना है कि चारों साहिबज़ादों की शहादत सिख इतिहास का गौरवपूर्ण अध्याय है और इसका राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान किया जाना चाहिए। सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार इस विषय पर संवेदनशीलता नहीं दिखा रही, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं।
अपने पत्र में सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लिखा है कि साहिबज़ादों के बलिदान को सही मायने में सम्मान देने के लिए इस दिवस का नाम ‘साहिबज़ादे शहादत दिवस’ रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नाम न केवल सिख समुदाय की आस्था को दर्शाएगा, बल्कि देश को बलिदान और साहस की सच्ची परंपरा से भी जोड़ेगा। पंजाब सरकार ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि पंजाब और सिख संगठनों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए। सरकार का कहना है कि यह मामला सिर्फ नाम बदलने का नहीं, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान से जुड़ा है।
मान सरकार ने बीते दो वर्षों में सिख धर्म और पंजाबी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। गुरुद्वारों के विकास, ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं। इसके साथ ही पंजाबी भाषा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार को लेकर भी सरकार ने कई फैसले किए हैं।
इस मुद्दे पर पंजाब की जनता ने भी सरकार के रुख का समर्थन किया है। अमृतसर निवासी जसविंदर सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार पहली बार सिख समुदाय की भावनाओं को गंभीरता से ले रही है। वहीं लुधियाना की शिक्षिका सिमरनजीत कौर ने कहा कि यह केवल नाम का नहीं, बल्कि पहचान और सम्मान का सवाल है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केंद्र और पंजाब सरकार के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाता है। एक ओर भाजपा पर पंजाब के मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी खुद को राज्य की अस्मिता और सम्मान के लिए संघर्षरत बताकर जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कहा है कि यह लड़ाई केवल एक दिवस के नाम की नहीं, बल्कि पंजाब के सम्मान और सिख समुदाय की पहचान की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही संवेदनशील निर्णय लेगी।







