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सिडनी के बॉन्डी बीच आतंकी हमले में 16 की मौत, अहमद अल अहमद की बहादुरी की दुनियाभर में सराहना

सिडनी के मशहूर बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 16 लोगों की मौत से जहां लोगों में दहशत फैल गई, वहीं एक बहादुर शख्स की हिम्मत और साहस की हर तरफ चर्चा हो रही है। फायरिंग कर रहे आतंकी से भिड़कर उसकी बंदूक छीनने वाले इस शख्स की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई है, जो सदरलैंड इलाके में फलों की दुकान चलाते हैं।

रविवार को बॉन्डी बीच पर यहूदी त्योहार हनुक्का के जश्न के दौरान हजारों लोग मौजूद थे। इसी बीच दो बंदूकधारियों ने भीड़ पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 40 लोग घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भगदड़ के दौरान अहमद अल अहमद भी अपनी जान बचाने के लिए छिप गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अहमद एक कार के पीछे छिपे नजर आते हैं। इसी दौरान उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए एक हमलावर को पीछे से दबोच लिया। दोनों के बीच हुई गुत्थमगुत्था में अहमद हमलावर पर भारी पड़े और उसकी बंदूक छीन ली। अहमद ने उसी बंदूक को हमलावर पर तान दिया, जिसके बाद वह घबराकर मौके से भाग निकला। इस दौरान अहमद को दो गोलियां भी लगीं और फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार, इस हमले को अंजाम देने वाले दोनों हमलावर पिता और बेटे थे। पुलिस कमिश्नर मैल लैन्योन ने बताया कि 50 वर्षीय हमलावर को पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने बताया कि हमले में मारे गए लोगों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच थी। सोमवार सुबह तक कम से कम 42 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती थे, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हमले के बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, वहीं अहमद अल अहमद की बहादुरी को सलाम किया जा रहा है।

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