पंजाब के तीन धार्मिक नगर पवित्र शहर घोषित, नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में विधानसभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया, जिसके तहत राज्य के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों श्री आनंदपुर साहिब, अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब का गलियारा और तलवंडी साबो को पवित्र शहर घोषित करने का निर्णय लिया गया है। ये तीनों स्थान इसलिए विशेष महत्व रखते हैं क्योंकि यहां सिख धर्म के तीन सर्वोच्च तख्त स्थित हैं।
सरकार ने संगत की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार करते हुए घोषणा की कि इन पवित्र शहरों में शराब, मांस-मछली, तंबाकू, सिगरेट और किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों की बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। यह कदम इन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सिख धर्म के कुल पांच तख्त हैं, जिनमें से तीन पंजाब में स्थित हैं, जबकि दो अन्य पंजाब से बाहर हैं। ये तख्त सिख इतिहास और आस्था के केंद्र हैं। आइए जानते हैं इन पांच तख्तों के बारे में।
श्री अकाल तख्त साहिब
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर के भीतर स्थित यह सिख धर्म का सर्वोच्च तख्त है। इसकी स्थापना 1606 में गुरु हरगोबिंद साहिब ने की थी। यह तख्त सिखों के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक निर्णयों का प्रमुख केंद्र है। इसकी प्राचीनता और महत्व के कारण इसे सबसे महत्वपूर्ण तख्त माना जाता है।
तख्त श्री केशगढ़ साहिब
पंजाब के आनंदपुर साहिब में स्थित यह तख्त खालसा पंथ के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है। 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहीं बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह तख्त सिख इतिहास, साहस और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
तख्त श्री दमदमा साहिब
तलवंडी साबो में स्थित यह तख्त सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है। माना जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहीं पर गुरु ग्रंथ साहिब का अंतिम और प्रमाणिक संस्करण तैयार किया था। यह स्थान सिख ज्ञान और इतिहास का प्रमुख केंद्र माना जाता है।
तख्त श्री पटना साहिब
बिहार के पटना में स्थित यह तख्त गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। इसकी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के कारण यहां देश-विदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
तख्त श्री हजूर साहिब
महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित यह तख्त वह पवित्र स्थान है, जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना शरीर त्यागा था। यह तख्त सिख परंपरा और आस्था का एक प्रमुख केंद्र है, जहां विश्वभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। सरकार का मानना है कि पवित्र शहरों की घोषणा के साथ इन क्षेत्रों की धार्मिक गरिमा और अनुशासन को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।







