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भगवंत मान का बयान- लोकतंत्र की ताकत जनता में, SIR पर सवाल उठाना उनका हक

आज देश में चुनावों को लेकर एक अजीब-सी बेचैनी का माहौल है। लोग सवाल उठा रहे हैं, चर्चा कर रहे हैं, और अपने मन के संदेह खुलकर व्यक्त कर रहे हैं। यह कोई मामूली बात नहीं है। जब जनता, जो लोकतंत्र की असली मालिक है, अपने चुनावी सिस्टम पर भरोसा खोने लगे, तो समझ जाइए कि समस्या गहरी है।

इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने जनता के दिलों को छू लिया है। चुनाव प्रक्रिया और SIR (Systematic Election Integrity) को लेकर पैदा हुए संदेहों के बीच उन्होंने एक बात कही, जो करोड़ों भारतीयों के मन की आवाज थी: “सबूत जनता क्यों दे? जवाब तो चुनाव आयोग को देना चाहिए।”यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की असली आत्मा की रक्षा करने वाला एक साहसिक संदेश था। जब जनता सवाल उठाती है, तो यह देश को कमजोर नहीं करता—यह लोकतंत्र को और मजबूत बनाता है। सीएम मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि वोटर चिंतित हैं या प्रक्रिया पर शक है, तो इसका समाधान चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। जनता से सवाल पूछने के बजाय, उसे सम्मान देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र का असली आधार जनता है, और उसकी आवाज़ पर विश्वास ही लोकतंत्र की साख है।

आज के इस दौर में, जब कई नेता जनभावनाओं से बचने की कोशिश करते हैं, भगवंत मान का यह बयान लोगों के दिलों में घर कर गया। उन्होंने वही कहा जो आम आदमी सोचता है। यही कारण है कि उनका संदेश केवल पंजाब में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में गूंज रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि चुनाव किसी पार्टी का आयोजन नहीं, बल्कि यह जनता का पवित्र अधिकार है। जब इस अधिकार पर सवाल उठते हैं, तो चुप्पी समाधान नहीं ला सकती, बल्कि पारदर्शिता ही समाधान है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह बयान एक ऐसा सच है, जिसे कहने की हिम्मत बहुत कम नेताओं में होती है।

सीएम मान ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया लोगों को विश्वास दे, न कि डर। यह शब्द हर उस नागरिक के दिल में राहत की लहर पैदा करते हैं, जो अपने वोट को अपनी आवाज़ मानता है। इस समय में, जब लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर बेचैन थे, सीएम मान की यह आवाज़ एक भरोसा बनकर उभरी है। उन्होंने न तो जनता को दोषी ठहराया, न ही सवाल पूछने वालों को दबाने की कोशिश की। बल्कि, उन्होंने कहा कि सवाल उठाना जनता का हक है, और जवाब देना संस्थाओं का कर्तव्य है।

इसी तरह के नेता लोकतंत्र को मजबूत करते हैं—जो जनता की चिंता समझते हैं और सच बोलने से डरते नहीं। भगवंत मान ने यह साबित कर दिया कि पंजाब केवल बहादुरों की धरती नहीं, बल्कि सच्चाई बोलने और जनता के अधिकारों की रक्षा करने वालों की धरती है। सीएम मान का यह बयान सिर्फ पंजाब की आवाज़ नहीं, बल्कि पूरे भारत की आवाज़ है। यह हमें याद दिलाता है कि अभी भी इस देश में ऐसे नेता हैं, जो अपनी ताकत कुर्सी से नहीं, बल्कि जनता के भरोसे से प्राप्त करते हैं।

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