फतेहपुर में लेखपाल सुधीर की संदिग्ध मौत पर बवाल, 24 घंटे बाद कानूगो पर FIR; परिजन ने एसडीएम पर भी लगाया दबाव का आरोप

रिपोर्ट : पवन द्विवेदी, फतेहपुर
फतेहपुर जिले के खजुहा गांव में लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे राजस्व विभाग और जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को हिला दिया है। लगातार विरोध प्रदर्शनों और लेखपाल संघ द्वारा कामकाज रोकने के बाद प्रशासन ने 24 घंटे की देरी से बुधवार सुबह कानूगो के खिलाफ बिंदकी कोतवाली में FIR दर्ज कर ली। आरोप है कि कानूगो की फटकार, धमकी और अत्यधिक कार्यदबाव के कारण सुधीर मानसिक रूप से परेशान हो गया था।
परिजनों का गंभीर आरोप: केवल कानूगो नहीं, एसडीएम भी जिम्मेदार
FIR के बावजूद मृतक के परिजन और स्थानीय समाजिक संगठन संतुष्ट नहीं हैं। परिवार का आरोप है कि सुधीर पर मानसिक दबाव बनाने में कानूगो के साथ-साथ एसडीएम ने भी भूमिका निभाई थी, लेकिन प्रशासन जानबूझकर उन्हें बचा रहा है।
परिजन एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन केवल आठ लाख रुपये के मुआवजे की बात कर रहा है, जिसे मृतक का परिवार स्वीकार नहीं कर रहा।
लेखपाल संघ का कामकाज बंद, उसके बाद जागा प्रशासन
FIR दर्ज होने में देरी से नाराज लेखपाल संघ ने बुधवार सुबह जिले की तीनों तहसीलों में कामकाज ठप कर दिया। राजस्व कार्य रोकते ही प्रशासन सक्रिय हुआ और उच्च स्तर से निर्देश मिलते ही कानूगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
संघ का कहना है कि यह कार्रवाई दबाव में की गई है, न कि न्याय के लिए।
पुलिस जांच में तेजी
FIR दर्ज होते ही पुलिस ने सुधीर का शव कब्जे में लेकर पंचनामा कराया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गांव में माहौल तनावपूर्ण होने के कारण पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कोतवाली प्रभारी हेमंत कुमार मिश्रा के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मोबाइल कॉल डिटेल्स और घटनास्थल की परिस्थितियों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कोरी समाज, लेखपाल संघ और स्थानीय लोगों का आक्रोश अब भी जारी है। लोग इसे विभागीय उत्पीड़न का मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। प्रशासन फिलहाल बैकफुट पर दिखाई दे रहा है और हालात सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं।







