दूसरे टेस्ट में भारत 408 रनों से ढहा, 2-0 से सीरीज गंवाई; हार के बड़े कारण सामने आए

भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 408 रनों की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 549 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था, जिसके जवाब में भारतीय टीम मात्र 140 रन पर सिमट गई। यह हार केवल मैच ही नहीं, पूरी टेस्ट सीरीज को भी भारत से दूर ले गई, क्योंकि मेजबान टीम 2-0 से पराजित हुई। टेस्ट इतिहास में यह भारत की सबसे बड़ी हारों में गिनी जा रही है। टीम के इस प्रदर्शन को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
स्पिन खेलने में नाकामी
भारतीय बल्लेबाजी की पहचान रही स्पिन खेलने की क्षमता अब लगातार कमजोर दिखाई दे रही है। एक समय भारतीय बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ दुनिया में सबसे मजबूत माने जाते थे, लेकिन इस सीरीज में स्थिति उलट नजर आई। दक्षिण अफ्रीका के सेनुरन मुथुसामी और ट्रिस्टन स्टब्स ने जिस आत्मविश्वास के साथ स्पिन का सामना किया, उसने भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरियों को पूरी तरह उजागर कर दिया।
यह स्थिति टीम के लिए चिंता का बड़ा कारण है, क्योंकि घरेलू परिस्थितियों में भी भारतीय बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते दिख रहे हैं।
कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर सवाल
भारत की लगातार टेस्ट हारों ने मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। गंभीर की कोचिंग में भारतीय टेस्ट टीम का ग्राफ गिरता दिखाई दे रहा है। घरेलू धरती पर न्यूजीलैंड से 3-0 का वाइटवॉश, फिर ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से गंवाना, और अब दक्षिण अफ्रीका से 2-0 की हार ये नतीजे टीम की बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हैं। इसके अलावा भारतीय टीम बड़े स्कोर बनाने में असफल रही है और कई बार 300 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई है।
बड़े खिलाड़ियों की कमी
विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दो अनुभवी दिग्गज हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। एक दशक से अधिक समय तक भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ बने रहने के बाद उनकी अनुपस्थिति टीम में स्पष्ट रूप से महसूस की जा रही है। उनके जाने के बाद मध्यक्रम अस्थिर हुआ है और युवा खिलाड़ियों पर अपेक्षाओं का दबाव भी बढ़ा है। सीरीज की यह हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा संकेत है कि टीम को अपनी टेस्ट रणनीति, बल्लेबाजी तकनीक और टीम संयोजन पर गहराई से पुनर्विचार करने की जरूरत है।







