गोरखपुर : शगुन खराब हो जाएगा” – बेटे ने मां का शव लेने से किया इनकार, बुजुर्ग पिता फूट-फूटकर रोए

रिपोर्ट – प्रिंस तिवारी, गोरखपुर
वृद्धाश्रम में मां की मौत के बाद बड़े बेटे ने शव लेने से इन्कार कर दिया। बोला- घर में बेटे की शादी है, इस समय लाश आई तो बड़ा अपशगुन होगा। चार दिन फ्रीजर में लाश रखवा दो। शादी के बाद आकर दाह संस्कार करवा दूंगा। वृद्धाश्रम में यह सुनकर बुजुर्ग पिता दहाड़ मारकर रोने लगे। पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए उसकी लाश लेकर जौनपुर से गाेरखपुर आए। लेकिन रिश्तेदारों ने मिलकर महिला को एक घाट किनारे दफना दिया। जिसके बाद से ही बुजुर्ग कह रहें हैं कि मेरी पत्नी का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं हो पाया। उसे सभी लोगों ने मिलकर मिट्टी में दफना दिया। वहां उसे कीड़े खा जाएंगे। यह कहकर वह रोने लगे।
यह पूरी घटना गोरखपुर के कैंपियरगंज की है। एक साल पहले यहां के किराना व्यापारी भुआल गुप्ता (68) और उनकी पत्नी शोभा देवी (65) को बेटों ने घर से निकाल दिया था। एक साल से दंपती जौनपुर के कृषक विकास समिति वृद्धाश्रम में रह रहे थे। जहां 20 नवंबर को बीमार शोभा देवी की मौत हो गई। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए पति को तड़पना पड़ा। पत्नी की मौत और बेटों की करतूत से बुजुर्ग भुआल गुप्ता पूरी तरह टूट चुके हैं। वृद्धाश्रम के रवि कुमार चौबे उनकी मदद कर रहे हैं।
पढ़िए पूरा मामला
जौनपुर विकास समिति वृद्धाश्रम के रवि कुमार चौबे ने बताया कि गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र के भरोहियां ग्राम पंचायत में भुआल गुप्ता का घर है। यहां पत्नी शोभा देवी के साथ ही उनके 3 बेटे और 3 बेटियां रहती थीं। सभी की शादी हो चुकी है। एक साल पहले बड़े बेटे ने कहा- घर पर आप बोझ बन गए हैं। यह कहकर घर से निकाल दिया।
इसके बाद नाराज हाेकर भुआल अपनी पत्नी शोभा देवी के साथ घर से निकले। राजघाट के पास वह दोनों लोग सुसाइड करने जा रहे थे। वहां एक व्यक्ति ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। उसी व्यक्ति ने ही बताया कि अयोध्या चले जाइए, वहां रहने खाने का ठिकाना मिल जाएगा। इसके बाद वह अयोध्या गए, वहां कहीं भी रहने का इंतजाम नहीं हो पाया। इसके बाद वहां से मथुरा गए, वहां भी कोई इंतजाम नहीं हो पाया।
कहीं से भुआल गुप्ता को जौनपुर के वृद्धाश्रम का माेबाइल नंबर मिला। नंबर पर कॉल करके बात की। भुआल गुप्ता ने कहा कि जहां भी जाता हूं, वहां बताया जाता है कि पति पत्नी को अलग-अलग रहना पड़ेगा। इस उम्र में दोनों कैसे अलग रहेंगे। रवि चौबे ने बताया तब मैंने पति-पत्नी को जौनपुर बुलाया। बोला यहां पर पति पत्नी साथ रहते हैं। जौनपुर आकर भुआल गुप्ता ने अपने बेटों की करतूत के बारे में बताया था।
छोटे बेटे से कॉल करके बातें करते थे दंपती
रवि कुमार चौबे ने बताया- भुआल और उनकी पत्नी कॉल करके कभी-कभी अपने छोटे बेटे से बातचीत करते थे। बड़ा बेटा किराना की दुकान और मेडिकल स्टोर चलाता है। कैंपियरगंज में आलीशान मकान भी है। वह कभी माता-पिता से बातें नहीं करता था।
इसी बीच शोभा देवी के पैर में अचानक लकवा मार दिया। वह चल फिर नहीं पाती थी। संस्था ने प्राइवेट हॉस्पिटल में दवा कराई, इसके बाद उन्हें काफी फायदा मिला। 19 नवंबर को उनकी फिर से तबीयत बिगड़ गई। उनका पैर सूज गया था। संस्था के रवि कुमार चौबे जौनपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर देर रात उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने बताया कि शोभा देवी की दोनों किडनी फेल हो गई थी। गुर्दे में भी इंफेक्शन हो गया था।
पत्नी की मौत के बाद भुआल गुप्ता दहाड़ मारकर रोने लगे। रवि ने उनसे घर का नंबर सूचना देने के लिए मांगा। पहले तो उन्होंने इन्कार कर दिया। इसके बाद कहा- पत्नी ने बहुत परेशानी झेली है। घर जाने पर अंतिम संस्कार तो सही ढंग से हो सकेगा। उन्होंने अपने छोटे बेटे का मोबाइल नंबर दिया।
बेटा बोला फ्रीजर में रखवा दो लाश
रवि कुमार चौबे ने छोटे बेटे के पास कॉल कर मां की मौत की सूचना दी। तब छोटे बेटे ने बोला कि बड़े भईया के बेटे की 23 नवंबर को शादी है। उनसे पूछकर बताता हूं। थोड़ी देर बात कॉल कर छोटे बेटे ने बोला कि भईया बोले हैं कि लाश फ्रीजर में रखवा दें। चार दिन बार दाह संस्कार करा दिया जाएगा। यह सुनकर भुआल गुप्ता नाराज हो गए। वह बोले कि जौनपुर में ही पत्नी का दाह संस्कार कर दूंगा। गोरखपुर वापस नहीं जाउंगा। थोड़ी देर बाद बेटियों का कॉल आया। बेटियों ने बात की। इसके बाद गांव के अन्य लोगाें ने भुआल गुप्ता को ढांढस बंधाते हुए उन्हें शव लेकर आने के लिए कहा।
रवि चौबे ने एंबुलेंस का इंतजाम कर उसमे शव रखवाया। इसके बाद भुआल गुप्ता के साथ करीब 3 घंटे का सफर कर जौनपुर से गोरखपुर के कैंपियरगंज पहुंचे। वहां पर बड़े बेटे ने घर पर लाश लाने से इन्कार कर दिया। गांव के लोग और रिश्तेदारों ने भुआल गुप्ता को समझाकर कैंपियरगंज में घाट के पास मिट्टी में शोभा देवी की लाश दफन करा दी।
आटे का पुतला बनाकर किया जाएगा दाह संस्कार
भुआल अपनी पत्नी को यादकर बार-बार रोते रहे। वह बोले कि बेटों को पाल पोश कर शोभा ने बड़ा किया। आज वही बेटे उसे अकेला छोड़ दिए। मेरी पत्नी का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। उसे मिट्टी में दफना दिया गया। अंदर उसे कीड़े खा जाएंगे, यह कहते हुए वह रोने लगे। इस दौरान गांव के लोगों ने उन्हें चुप कराया। पंडित से भी राय ली। जिसके बाद पंडित ने अब आटे का पुतला बनाकर उसका विधि विधान से दाह संस्कार करने के लिए कहा है।
सोशल मीडिया पर लोग दे रहे तीखी प्रतिक्रिया
इस घटना की पूरे गांव में खूब चर्चा हो रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों ने शोभा देवी का आखिरी समय का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।







