राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियाँ तेज, 191 फीट पर लहराएगा खास ध्वज

अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हो चुकी है। अयोध्या और काशी के विद्वान मिलकर पूजा-पाठ संपन्न करा रहे हैं। यह अनुष्ठान आगामी ध्वजारोहण समारोह के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। यज्ञशाला में लगातार यज्ञ आहुतियाँ दी जा रही हैं और वेद मंत्रों का पारायण हो रहा है। इसके साथ ही रामार्चा, राम रक्षा स्तोत्र, वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का पाठ भी किया जा रहा है। ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा एवं उनकी पत्नी होंगे। नवग्रह पूजा के साथ पूरे कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज अत्यंत विशेष है। यह ध्वज मौसम से प्रभावित नहीं होगा और 191 फीट की ऊँचाई पर स्थापित किया जाएगा। ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा होगा, जबकि इसका वजन लगभग ढाई किलोग्राम है। मंदिर का शिखर भूमि से 161 फीट ऊँचा है। ध्वज पर सूर्यवंश के प्रतीक सूर्य, ओंकार का चिन्ह और एक चक्र अंकित किया गया है। ध्वज का रंग केसरिया होगा। भारतीय सेना ध्वज फहराने की प्रक्रिया का अभ्यास कर रही है।
शिखर पर ध्वज फहराने के लिए उन्नत व्यवस्थाएँ तैयार की गई हैं। ध्वज की रस्सी काफी भारी है, जिसे खींचने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी। इस वजह से रस्सी को मशीन से जोड़ा गया है और इलेक्ट्रिक बटन का विकल्प भी रखा गया है। किसी भी प्रकार की तकनीकी विफलता से बचने के लिए रस्सी को दोनों ओर से संतुलित करने हेतु अतिरिक्त मशीनें भी लगाई गई हैं। पूरा सिस्टम मैकेनिकल तरीके से संचालित किया जाएगा, ताकि ध्वजारोहण बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।







