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नीतीश कुमार आज लेंगे 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ

बिहार के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार 20 नवंबर 2025 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ लेंगे। यह वही मैदान है, जहां वे पहले भी तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। इस बार का शपथ ग्रहण समारोह बेहद भव्य बनाया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।

किस्मत और राजनीति का अनोखा सफर

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नीतीश कुमार की राह राजनीति की ओर ही मुड़ी। नालंदा के हरनौत से दिल्ली और फिर बिहार की सत्ता तक पहुंचने का उनका सफर चुनौतियों और उतार-चढ़ाव से भरा रहा, लेकिन उनका धैर्य और दृढ़ता कभी नहीं डगमगाई। उन्होंने अपनी जिद और किस्मत के मेल को हमेशा आगे बढ़ने की ताकत बनाया।

राजनीति की आखिरी पारी में करारा जवाब

बिहार की राजनीति में यह चर्चा जोरों पर है कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक करियर की कथित अंतिम पारी में भी ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने विरोधियों को चौंका दिया। कुछ समय पहले तक कमजोर माने जा रहे नीतीश और उनकी पार्टी जेडीयू ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव में शानदार जीत हासिल की। विपक्ष हैरान है कि राजनीति से लगभग बाहर माने जा रहे नीतीश ने इतनी दमदार वापसी कैसे कर ली।

जीवन का मोड़ जिसने बदल दी दिशा

नीतीश कुमार का जन्म नालंदा के हरनौत स्थित कल्याण बिगहा गांव में एक आयुर्वेदिक वैद्य परिवार में हुआ। पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और बचपन में उन्हें मुन्ना नाम से पुकारा जाता था। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और बिजली बोर्ड में नौकरी भी शुरू की। लेकिन जेपी आंदोलन से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी की दिशा बदल गई, और यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई।

हार से शुरू हुई यात्रा, जीत तक पहुंचा सफर

राजनीति में प्रवेश आसान नहीं रहा। 1977 और 1980 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 1985 में पहली जीत मिली और फिर वह मंत्री बने। इसके बाद मुख्यमंत्री पद का सफर शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। अब वे 20 नवंबर को दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

विकसित बिहार की जिद

बिहार को विकसित राज्य बनाने की नीतीश कुमार की जिद ने ही उन्हें हमेशा आगे बढ़ाया। उन्होंने जंगलराज से मुक्ति की बात कही और उसी दिशा में लगातार काम किया। तमाम राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद वे आज भी सत्ता पर कायम हैं और माना जा रहा है कि अपने राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव में भी वे मजबूती से टिके रहेंगे।

नवंबर का खास कनेक्शन

नीतीश कुमार की किस्मत का नवंबर महीने से गहरा संबंध रहा है। वे पांच बार नवंबर में ही मुख्यमंत्री बने हैं। इनमें से दो बार 20 नवंबर को उन्होंने शपथ ली है।

कुछ प्रमुख तिथियाँ इस प्रकार हैं:

24 नवंबर 2005: दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लालू राज का अंत हुआ।

26 नवंबर 2010: बड़ी जीत के साथ तीसरी बार सत्ता में वापसी।

20 नवंबर 2015: महागठबंधन के साथ चौथी बार शपथ।

१6 नवंबर 2020: एनडीए के साथ सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ।

20 नवंबर 2025: एनडीए और जेडीयू की ऐतिहासिक जीत के बाद 10वीं बार शपथ।

20 नवंबर 2025 की यह तारीख बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रही है, जब नीतीश कुमार फिर से राज्य की बागडोर संभालेंगे।

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