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मोस्ट वांटेड माओवादी हिडमा आंध्र–तेलंगाना सीमा पर मुठभेड़ में ढेर, पत्नी समेत छह माओवादी मारे गए

आंध्र प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है, जहां सुरक्षा बलों ने शीर्ष माओवादी और मोस्ट वांटेड कमांडर हिडमा को मुठभेड़ में मार गिराया है। हिडमा के साथ उसकी पत्नी हेमा और उनके साथ सुरक्षा में मौजूद चार अन्य माओवादी भी आंध्र प्रदेश–तेलंगाना सीमा पर हुए एनकाउंटर में ढेर हो गए। हालांकि आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश गुप्ता की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है, लेकिन सुबह उन्होंने कॉम्बिंग ऑपरेशन की जानकारी जरूर दी थी। हिडमा पर लगभग 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

जानकारी के अनुसार सुबह 6 से 7 बजे के बीच पुलिस को माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों की सूचना मिली, जिसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया। इसी दौरान माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। मुठभेड़ के दौरान हिडमा, हेमा और अन्य माओवादी मौके पर ही मारे गए।

कौन था हिडमा?

हिडमा का असली नाम माड़वी हिडमा था, जो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुववर्ती गांव की मुरिया जनजाति से ताल्लुक रखता था। वह बाल संघ के माध्यम से माओवादी संगठन से जुड़ा और धीरे-धीरे सशस्त्र गतिविधियों में शामिल हो गया। किशन जी उर्फ भद्रन्ना के प्रभाव में आकर उसने माओवादी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।

76 जवानों की हत्या में शामिल

हिडमा ने जेगुरुगोंडा क्षेत्र बल का कमांडर रहते हुए वरिष्ठ नेता नंबाला केशव राव के नेतृत्व में चिंतलनार–टेकुमेटला हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हुए थे। इसी घटना के बाद उसे माओवादी संगठन में विशेष पहचान मिली। करीब 25 वर्ष से छिपे रहने वाला हिडमा माओवादी केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य माना जाता था।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री ने हिडमा की मां से मुलाकात कर उसके आत्मसमर्पण की बात कही थी, लेकिन उससे पहले ही वह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

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