Main Slideउत्तर प्रदेशप्रदेशराजनीति

दोहरे पैन कार्ड मामले में आजम खां और बेटे अब्दुल्ला को 7 साल की सजा, रामपुर MP/MLA कोर्ट का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से प्रभावशाली समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को एक और बड़ा कानूनी झटका लगा है। रामपुर की विशेष MP/MLA कोर्ट ने दोहरे पैन कार्ड घोटाले के मामले में आजम खां और उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप साबित कर दिए।

यह मामला अब्दुल्ला आजम द्वारा दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ा है। BJP विधायक आकाश सक्सेना की 2019 में दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई शुरू हुई थी। अदालत के फैसले के बाद दोनों को तुरंत न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। अदालत ने धारा 120B में 1 साल, धारा 420 में 3 साल, धारा 468 में 3 साल, धारा 471 में 2 साल और धारा 467 में सबसे अधिक 7 साल की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, लेकिन अधिकतम सजा 7 वर्ष निर्धारित हुई है।

शिकायत में आरोप था कि अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने की पात्रता पूरी करने के लिए उम्र में हेरफेर किया। एक पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 बताई गई थी, जिसका उपयोग टैक्स और बैंकिंग में किया गया। दूसरे पैन कार्ड में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 लिखी गई, जिसे 2017 के स्वार-तांडा विधानसभा चुनाव में उपयोग किया गया।

यह मामला दिसंबर 2019 में दर्ज हुआ था। जांच के बाद पुलिस ने अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और आजम खां को सह-अभियुक्त बनाया गया। अभियोजन के अनुसार, यह सुनियोजित साजिश थी ताकि अब्दुल्ला पात्रता न होते हुए भी चुनाव लड़ सकें। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना मौजूद रहे और फैसले को “न्याय की जीत” बताया। आजम खां दो महीने पहले ही अन्य मामलों में जमानत पर रिहा हुए थे, लेकिन इस निर्णय ने उनकी कानूनी मुश्किलें फिर बढ़ा दी हैं। वे उच्च अदालत में अपील कर सकते हैं, मगर फिलहाल जेल जाना तय है।

आजम खां पर कुल 104 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 11 में फैसला हो चुका है—6 में दोषसिद्धि और 5 में बरी। हाल ही में 11 नवंबर को उन्हें 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में राहत मिली थी, लेकिन जमीन कब्जे और दस्तावेज़ फर्जीवाड़े जैसे मामलों में वे पहले से ही लंबी सजाएं भुगत चुके हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close