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बिहार चुनाव हार के बाद RJD परिवार में कलह, साधु यादव ने तेजस्वी पर साधा निशाना

बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में खुले विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि उन्हें घर से निकाल दिया गया, गालियां दी गईं और मारने के लिए चप्पल तक उठाई गई। इसी बीच लालू की तीन और बेटियां रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी अपने बच्चों के साथ पटना से दिल्ली पहुंच गई हैं। इस पूरे विवाद पर अभी तक तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

इसी बीच राबड़ी देवी के भाई और लालू यादव के साले साधु यादव सामने आए हैं। उन्होंने रोहिणी आचार्य के आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि जो कुछ रोहिणी के साथ हुआ वह गलत है। साधु यादव के अनुसार, अगर घर में बाहरी लोग दखल दे रहे हैं और परिवार के सदस्य घर छोड़ने पर मजबूर हैं, तो यह पार्टी और परिवार दोनों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे खुद रोहिणी से बात कर मामले की सही जानकारी लेंगे।

साधु यादव ने तेजस्वी यादव पर भी सीधे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी इतने सज्जन हैं, तो उन्होंने अपने पिता को किडनी क्यों नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुर्सी की राजनीति करने वालों को परिवार के लिए त्याग भी करना चाहिए। साधु यादव ने कुछ बाहरी लोगों पर भी तेजस्वी को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर करना चाहिए।

उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी के चुप रहने पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया जाए, तो स्थिति साफ हो जाएगी। उनके अनुसार, पार्टी में कई वरिष्ठ और अनुभवी नेता मौजूद हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी की दुर्दशा का जिम्मेदार टिकट वितरण में हुई गड़बड़ी और बढ़ते अहंकार को माना जाना चाहिए।

साधु यादव ने संजय यादव और पार्टी के अन्य रणनीतिकारों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बिहार की राजनीति को समझते नहीं और पार्टी के भीतर भ्रम और विवाद फैलाने का काम कर रहे हैं।

तेज प्रताप यादव को लेकर उन्होंने कहा कि परिवार को तोड़ने की साजिश पहले से चल रही है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि तेजस्वी ऐसे लोगों से दूरी बनाएं जो उन्हें गुमराह कर रहे हैं। अंत में उन्होंने सुझाव दिया कि यदि लालू यादव पार्टी और परिवार को बचाना चाहते हैं, तो तेजस्वी को नेतृत्व की जिम्मेदारी से हटाकर नए नेता का चयन करना चाहिए।

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